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भारतीय बाजार में 'ड्रैगन' पर कसता शिकंजा

भारतीय बाजार में 'ड्रैगन' पर कसता शिकंजा
, शनिवार, 15 अक्टूबर 2016 (15:31 IST)
सोशल मीडिया और व्हाट्‍स एप पिछले कुछ समय से चीनी उत्पादों के खिलाफ जारी मुहिम का असर बाजार पर भी दिख रहा है। यह असर इसलिए भी दिख रहा है क्योंकि यह बहिष्कार सरकारी न होकर देशवासियों की तरफ से स्वत:स्फूर्त है। एक जानकारी के मुताबिक चीनी सामान के आयात में 20 से 30 फीसदी की कमी आ सकती है। 
 
दरअसल, चीनी सामान के बहिष्कार का आह्वान लोगों ने अचानक नहीं किया है, इसकी बड़ी वजह पाकिस्तान है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान को मिला चीनी समर्थन भारत के लोगों को रास नहीं आ रहा है। इसीलिए सोशल मीडिया पर बढ़-चढ़कर चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की जा रही है। एक और कारण जो सामने आ रहा है, वह है चीन में नकली खाद्य पदार्थ बनने की खबरें। हाल ही में कुछ वीडियो और समाचार देखने को मिले जिनमें कहा गया कि चीन नकली चावल, चॉकलेट और अंडे बन रहे हैं, जो कि शरीर के लिए घातक हैं। 
 
एक जानकारी के मुताबिक अकेले दिल्ली में व्यापारियों ने करीब 200 करोड़ रुपए के चीनी सामान के सौदे रद्द कर दिए हैं। यदि पूरे देश की बात करें तो यह आंकड़ा हजारों करोड़ से ऊपर जा सकता है, जबकि दिवाली के समय चीनी लाइट, झालरें, सजावटी सामान, पटाखे आदि की बाजार में काफी मांग होती है क्योंकि ये भारतीय उत्पादों की तुलना में सस्ते होते हैं। क्रिसमस पर भी चीनी आयटमों की खूब बिक्री होती है। व्यापारिक क्षेत्रों में चर्चा है कि यदि बहिष्कार जारी रहता है तो क्रिसमस के दौरान चीनी व्यापारियों को बड़ा झटका लग सकता है। 
 
भारत और चीन के बीच करीब 4.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार होता है। यदि बहिष्कार का असर बढ़ता रहा तो इसका बड़ा झटका चीन के व्यापारियों को लगेगा, जिससे चीन भी अछूता नहीं रहेगा। हालांकि इस वर्ष स्थानीय व्यापारियों को इस बहिष्कार का नुकसान झेलना पड़ सकता है क्योंकि बहुत से भारतीय व्यापारी सामान मंगा चुके हैं, यदि सामान नहीं बिकेगा तो उन्हें निश्चित ही नुकसान होगा। हां, इतना तय है कि अगली बार व्यापारी चीनी सामान को सोच-समझकर ही मंगाएंगे। 
 
आंकड़ों की दृष्टि से भी देखें तो भारत और चीन के बीच व्यापारिक असंतुलन साफ दिखाई देता है। 2015-16 में भारत ने चीन को करीब 60 हजार करोड़ रुपए के सामान का निर्यात किया, जबकि चीन से हमारे यहां करीब 4 लाख करोड़ रुपए का सामान आया, जो भारत की तुलना में 6 गुना ज्यादा है। 
 
ये हैं चीनी सामान : भारत में चीन से मोबाइल फोन, लैपटॉप, क्राकरी, सोलर लाइट, खिलौने, एलईडी लाइट्स, सेट टॉप बॉक्स, की बोर्ड, सजावटी सामान, डिस्प्ले, ईयरफोन, इलेक्ट्रिकल सामान, मशीनरी उपकरण, प्लास्टिक उत्पाद, पटाखे, दवाइयां एवं कुछ अन्य सामान आता है। हालांकि स्वास्थ्य पर घातक असर के चलते पटाखों पर तो कई स्थानों पर प्रशासनिक स्तर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

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