जोशीमठ में भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दौरे पर हैं और रात्रि प्रवास भी वहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले उनकी प्राथमिकता आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और उनको अंतरिम राहत प्रदान करना है। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी स्पष्ट किया है कि आपदा से आहत लोगों को दी गई अंतरिम राहत अंतिम राहत नहीं है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि जमीन से निकलने वाले पानी का फ्लो आधा हो गया है, जो राहत देने वाला है, हमारी सरकार का पहला लक्ष्य है कि जोशीमठ के लोगों का पुर्नवास हो। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी भवनों को तोड़ना प्रशासन और सरकार का उद्देश्य नहीं है। क्षेत्र में वैज्ञानिकों और सभी विभागों की टीमें काम कर रही हैं, कुछ रिपोर्ट आ गई हैं और कुछ बाकी हैं।
उन्होंने कहा कि आपदा में बेघर हुए लोगों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए कमेटी बना दी गई है। इसके बाद ही पूरी तरह से राहत मिल सकेगी। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पूरी टीम जोशीमठ आपदा क्षेत्र की लगातार समीक्षा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम की यात्रा शुरू होने वाली है, बद्रीविशाल के आशीर्वाद से जोशीमठ पहले जैसी स्थिति में आ जाएगा। जोशीमठ की आपदा के बाद कुछ लोग कह रहे हैं कि पूरा उत्तराखंड खतरे में है, यह गलत तथ्य है और गलत माहौल बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड ने भविष्य के लिए सचेत किया है कि सभी पर्वतीय क्षेत्रों की समीक्षा कि जाए, उनकी धारण क्षमता का आंकलन हो, यदि धारण क्षमता से अधिक निर्माण हो रहा है तो उसे तुरंत रोकना होगा।
जोशीमठ में सर्द हवा और खराब मौसम भी राहत व बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी बुधवार का रात्रि प्रवास जोशीमठ में ही करेंगे। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत कार्यों की जानकारी भी लेंगे।
Edited By : Chetan Gour