Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

चिदंबरम का बड़ा हमला, तेल से हुई कमाई चुपचाप डकार रही है मोदी सरकार

केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि पेट्रोल-डीजल पर लगाए कर से जमा की गई 3,54,000 करोड़ रुपए की विशाल धन राशि कहां और कैसे तथा किस मद पर खर्च की गई है। केंद्र को यह भी बताना चाहिए कि उसने इतनी बड़ी राशि अपने पास क्यों रखी?

Webdunia
शनिवार, 13 नवंबर 2021 (15:33 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर 'सहकारिता संघवाद' की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने पेट्रोल-डीजल पर कर लगाकर जो कमाई की है, उसका हिस्सा राज्यों को नहीं दिया है।
 
चिदंबरम ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कि केरल के वित्तमंत्री ने एक खुलासा करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार तेल से की गई कमाई को डकार रही है और इस पैसे में राज्यों को नाम मात्र के लिए उनको भागीदार बना रही है। 
 
उन्होंने कहा कि केरल के वित्तमंत्री ने पेट्रोल तथा डीजल पर एकत्रित करों के आंकड़ों का खुलासा किया है। यह आंकड़े बताते हैं कि 2020-21 में उत्पाद शुल्क, उपकर और अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के रूप में केंद्र ने 3,72,000 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। इसमें से केवल 18 हजार करोड रुपए मूल उत्पाद शुल्क के रूप में एकत्र किए और उस राशि का 41 प्रतिशत राज्यों के साथ साझा किया गया था। इसमें से शेष 3,54,000 करोड़ रुपए केन्द्र के पास गए। 
 
कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि यह तथ्य गलत है और केरल के वित्तमंत्री का विरोध अनुचित है तो केंद्रीय वित्तमंत्री को चुप रहने की बजाय इसका जवाब देना चाहिए।
 
उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि पेट्रोल-डीजल पर लगाए कर से जमा की गई 3,54,000 करोड़ रुपए की विशाल धन राशि कहां और कैसे तथा किस मद पर खर्च की गई है। केंद्र को यह भी बताना चाहिए कि उसने इतनी बड़ी राशि अपने पास क्यों रखी? उन्होंने तंज कसा कि क्या यही मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'सहकारी संघवाद' का मॉडल है।
 
चिदंबरम ने विमुद्रीकरण को लेकर भी सरकार हमला किया और कहा कि विमुद्रीकरण के समय प्रचलन में नकदी लगभग 18 लाख करोड़ थी जो आज 28.5 लाख करोड़ रुपए हो गई है। देश मे उच्च बेरोजगारी और मुद्रास्फीति है। गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के लोग कम नकद कमाते हैं और कम नकद खर्च करते हैं।
 
उन्होंने कहा कि हम वास्तव में कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बन गए हैं! शाबास! कुख्यात विमुद्रीकरण के 5 साल बाद, मोदी सरकार की लंबी-चौड़ी घोषणाओं की स्थिति क्या है।
 
कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनना चाहिए। कुछ ही दिनों में उन्होंने महसूस किया कि यह एक बेतुका लक्ष्य था, इसलिए लक्ष्य को कम-नकद अर्थव्यवस्था में संशोधित कर दिया।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

क्‍या अब लुटियंस दिल्‍ली में रहती हैं पूर्व पीएम शेख हसीना, बांग्‍लादेश में क्‍यों नहीं थम रहा बवाल?

पहले दोस्त से सुहागरात का वीडियो बनवाया, फिर करने लगा ब्लैकमेल

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को दिग्विजय सिंह की नसीहत

बाल संत अभिनव अरोड़ा से गुस्‍साए स्वामी रामभद्राचार्य, स्टेज से उतारा-कहा नीचे उतरो

शुक्रवार को फिर मिली 25 से ज्‍यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी

सभी देखें

नवीनतम

क्या जर्मन कारोबारों के लिए चीन की जगह ले सकता है भारत?

इजराइल का ईरान पर पलटवार, IDF की ईरानी सैन्य ठिकानों पर एयर स्ट्राइक

चीन के साथ समझौते का क्या निकला नतीजा, उत्तरी सैन्य कमांडर ने दिया यह बयान

Burger King Murder Case में आरोपी लेडी डॉन अनु धनखड़ नेपाल सीमा से गिरफ्तार

अहमदाबाद में 48 अवैध बांग्लादेशी गिरफ्तार, वापस भेजा जाएगा स्वदेश

આગળનો લેખ
Show comments