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संघर्ष विराम के बावजूद 5 महीनों में पाक गोलाबारी में 50 की मौत

संघर्ष विराम के बावजूद 5 महीनों में पाक गोलाबारी में 50 की मौत

सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , बुधवार, 13 जून 2018 (15:33 IST)
जम्मू। पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन की इस ताजा घटना के साथ ही इस साल सीमा पर मृतकों की संख्या 50 पर पहुंच गई है जिनमें 24 जवान शामिल हैं। वर्ष 2003 को 26 नवंबर को दोनों मुल्कों के बीच जम्मू कश्मीर के 264 किमी लंबे इंटरनेशनल बॉर्डर तथा 814 किमी लंबी एलओसी पर सीजफायर लागू करने का मौखिक समझौता हुआ था। अब जबकि पाक सेना भारी तोपखानों से गोले और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भी दाग रही है, ऐसे में सीमावासियों का कहना था कि आखिर सीजफायर है कहां पर।
 
3 जून को परगवाल, कानाचक और खौड़ सेक्टर में सीमा पर पाक रेंजर्स की भारी गोलाबारी और गोलीबारी में एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर समेत दो बीएसएफ जवान शहीद हो गए थे और दस लोग घायल हो गए थे। दोनों देशों के डीजीएमओ 29 मई को 2003 के संघर्षविराम समझौते को अक्षरशः लागू करने पर सहमत हो गए थे।
 
पिछले महीने 15 मई और 23 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी के कारण जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में सीमा पर रह रहे हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा था। इस दौरान गोलीबारी में दो बीएसएफ जवान और एक शिशु समेत 12 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।
 
सीमाओं पर सीजफायर लागू करने के करीब दो महीनों के बाद ही सीजफायर की धज्जियां उड़ानी पाक सेना द्वारा आरंभ कर दी गई थीं। दरअसल उसे अपने जहां रुके पड़े आतंकियों को इस ओर धकेलना होता था और नतीजा यह है कि उसकी कवरिंग फायर की नीति के चलते सीजफायर तार-तार हो चुका हे और घुसपैठियों को रोकने की खातिर भारतीय सेना को बराबरी का जवाब देना पड़ रहा है।
 
अभी तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर मोर्टार का ही इस्तेमाल हो रहा था, लेकिन वर्ष 2016 में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई से बौखलाई पाक सेना ने न सिर्फ गोलाबारी की रेंज को बढ़ा दिया बल्कि उसने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों का इस्तेमाल भारतीय सेना के बंकरों और सीमा चौकियों को उड़ाने के लिए करके भारतीय सेना को जरूर चौंका दिया था।
 
सीजफायर के बावजूद ऐसे मिसाइलों का इस्तेमाल अब खुलकर एलओसी के सेक्टरों में होने लगा है। यह दोनों ओर से हो रहा है। कुछ सप्ताह पूर्व भारतीय सेना ने एक वीडियो जारी कर इसकी पुष्टि की थी कि वह पाक सेना के बंकरों तथा सीमांत चौकियों को उड़ाने के लिए ऐसे मिसाइलों का इस्तेमाल कर रही है।
 
कहने को तो पाकिस्तान से सटे जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बॉर्डर और एलओसी पर पिछले 14 सालों से दोनों मुल्कों की सेनाओं के बीच सीजफायर है पर अब हर दिन सीमाओं पर होने वाली गोलों और गोलियों की बरसात अब सीजफायर का मजाक उड़ाने लगी हैं। यही नहीं गोलों व गोलियों की तेज होती बरसात के बीच लाखों सीमावासी अब फिर से पलायन की तैयारी में भी इसलिए जुट गए हैं क्योंकि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं।
 
सीमाओं पर जारी सीजफयर के बावजूद पाकिस्तानी सेना द्वारा इस साल पांच महीने में 1120 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया जबकि पिछले पूरे साल यह आंकड़ा 900 था। जबकि वर्ष 2016 में 437 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया है। जम्मू कश्मीर में सीमा पर पिछले साल संघर्ष में 33 लोग मारे गए हैं जबकि 179 लोग घायल हुए हैं। आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि पाक सेना ने लगभग हर दिन सीमा और एलओसी पर गोलाबारी की है।
 
उन्होंने बताया कि पिछले साल 780 बार एलओसी पर और 120 बार आईबी पर पाक ने सीजफायर का उल्लंघन किया। इनमें 20 सिविल लोग, 8 सेना के जवान और 5 बीएसएफ के जवान मारे गए। इस साल मृतकों की संख्या 5 महीनों में ही 50 को पार कर गई है। वर्ष 2016 में बॉर्डर पर 437 बार सीजफायर उल्लंघन हुआ जिसमें 26 लोग मारे गए व 97 अन्य घायल हुए। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2014 में भी पाक सेना ने सबसे ज्यादा करीब 562 बार सीजफायर का उल्लंघन किया था। 

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