नई दिल्ली। कैंसर रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी की तुलना में कैंसर की सबसे तेज, सस्ती और प्रभावी उपचार पद्धति सर्जरी है और इस जानलेवा बीमारी के लिए नए सर्जनों को संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है ताकि वे इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित हों।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज और गुरु तेग बहादुर अस्पताल द्वारा सर्जिकल ऑन्कोलॉजी अपडेट -2017 के नाम से यहां आयोजित सम्मेलन में एम्स दिल्ली के प्रोफेसर डॉ एसवीएस देव ने आज कहा कि कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी की तुलना में कैंसर की सबसे तेज, सस्ती और प्रभावी उपचार पद्धति शल्य चिकित्सा यानी सर्जरी है।
इस मौके पर एम्स के कैंसर रोग विशेषज्ञ और प्रोफेसर डॉक्टर एन के शुक्ला ने कहा कि कैंसर तेजी से हमारे देश में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक बन रहा है और इस समस्या के समाधान के लिए नए सर्जनों को संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है ताकि वे इस क्षेत्र में काम करने में रुचि पैदा कर सकें।
सम्मेलन के पहले संस्करण में विभिन्न तरह के कैंसर और उनके उपचार की रणनीतियों पर देश के अग्रणी सर्जन और कैंसर विशेषज्ञों ने चर्चा की। टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के डॉ महेश गोयल ने इस मौके पर पित्ताशय की थैली के कैंसर में सर्जरी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
जीटीबी अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ पंकज कुमार गर्ग ने सम्मेलन में कहा कि यह आयोजन देश में कैंसर के उपचार में सर्जरी के महत्त्व एवं नए तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया है। (भाषा)