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बुलंदशहर हिंसा मामले में 87 पर मुकदमा, चार गिरफ्तार, मुख्‍य आरोपी अभी भी फरार

बुलंदशहर हिंसा मामले में 87 पर मुकदमा, चार गिरफ्तार, मुख्‍य आरोपी अभी भी फरार
, मंगलवार, 4 दिसंबर 2018 (15:00 IST)
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी की ख़बर फैलने के बाद हुई फायरिंग, पथराव तथा आगजनी की घटना के बाद अब स्थिति शांतिपूर्ण है। इस मामले में 27 लोगों को नामज़द करते हुए 87 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
 
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आनंद कुमार ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र के चिंगरावटी पुलिस चौकी की घटना के सिलसिले में 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है।
 
इस घटना में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में चमन, देवेन्द्र, सतीश और अरविन्द चौहान शामिल हैं। पुलिस कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बुलंदशहर में हालात सामान्य है और धारा 144 लागू है। आरोपियों को पकड़ने के लिए 6 टीमें गठित की गईं और अभी तक 25 से ज्यादा स्थानों पर दबिश दी गई है।
 
उन्होंने बताया कि इस मामले की एसआईटी जांच कर रही है और वह घटना की तह तक जाएगी। घटना की निष्पक्ष जांच के लिए ही एसआईटी का गठन किया गया है। पुलिस किसी भी निर्दोष को जेल नहीं भेजेगी।
 
उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में घटना में किसी भी संगठन का नाम प्रकाश में नहीं आया है। उन्होंने बताया की भीड़ ने किस कारण उग्ररूप धारण कर पथराव, फायरिंग और आगजनी की, इन सभी बिन्दुओं की जांच की जा रही है।
 
कुमार ने बताया कि घटना की वीडियो के आधार पर योगेश राज को नामजद किया गया है। वह गोकशी मामले में शिक़ायतकर्ता भी है। उन्होंने बताया कि सोमवार को हुई हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की भी मृत्यु हो गई थी। भीड़ ने सुबोध के सिर पत्थर मारा जिससे वे वहीं गिर गए थे। बाद में भीड़ ने गोली भी चलाई।
 
दर्ज रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने हवाई फायर किया। सुमित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई और गोली लगने से उसकी मृत्यु हुई है। गोली उसके शरीर से निकाली गई है। जांच के बाद गोली के बोर का पता लगेगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सुमित को गोली कैसे लगी। वह प्रदर्शनकारी था या दर्शक था।
 
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार : कुमार ने बताया कि हिंसा में मारे गए पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह को अधिकारियों ने गार्ड ऑफ आनर दिया। राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
 
सुबोध कुमार के पार्थिव शरीर को उनके गृह जिले एटा भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि सुबोध के परिजनों का पुलिस पूरा ख्याल रखेगी। उनके परिवार की जो शिकायत होगी उन्हें दूर किया जाएगा। सुबोध कुमार सिंह पुलिस परिवार का सदस्य थे और उनके परिवार की देखभाल की जाएगी।
      
कुमार ने बताया कि सुबोध नोएडा के दादरी में अखलाक हत्या मामले में विवेचक भी थे और उनके तबादले के बाद मामले की जांच दूसरे विवेचक ने पूरी की थी। उन्हें बुलंदशहर के स्याना में 28 सितंबर को ही तैनात किया गया था।
 
इज्तमा का समापन : अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि बुलंदशहर में आयोजित इज्तमा समापन के बाद देर रात 2 हजार जमातों को देश-विदेश के लिए रवाना किया कर दिया गया। अब कुछ ही हजार लोग वहां है और वे अपने घर जा रहे हैं। बुलंदशहर में किसी तरह का साम्प्रदायिक तनाव नहीं है। घटना के बाद इलाके में पर्याप्त पुलिस बल तैनात है।
 
एसआईटी ने शुरू की जांच : उन्होंने बताया कि एसआईटी की टीम ने जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद यदि किसी पुलिसकर्मी की लापरवाही प्रकाश में आती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
 
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर की घटना को गंभीरता से लेते हुए अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) एसबी सिरोडकर के नेतृत्व में एसआईटी की टीम ने बुलंदशहर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। इस घटना के बाद से चिंगरावटी गांव में सन्नाटा पसरा है। (वार्ता)

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