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BRS का मोदी पर पलटवार, BJP ने ही 2018 में भेजा था गठबंधन का संदेश

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गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023 (21:19 IST)
BRS hits back at Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्प्णी को लेकर उन पर पलटवार करते हुए तेलंगाना में सत्तारूढ़ बीआरएस (BRS)  ने कहा है कि वास्तव में भाजपा ने 2018 में उनकी पार्टी को गठबंधन के लिए संदेश भेजा था।
 
प्रधानमंत्री ने हाल ही में निजामाबाद में कहा था कि उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा बनने की इच्छा को शुरू में ही खारिज कर दिया था।
 
रामा राव ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि तेलंगाना के गठन के बाद से कई बार अनुरोधों के बावजूद बीआरएस ने कभी भी चुनावों के दौरान किसी के साथ गठबंधन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह विपक्ष ही है, जो ‘अजेय’ केसीआर को हराने के लिए अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर एक साथ आया।
 
उन्होंने उस समय के समाचारपत्रों की कुछ खबरों की कतरनें भी पोस्ट की है, जिसमें कहा गया है कि तत्कालीन तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा था कि अगर 2018 के विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल नहीं होता है, तो उनकी पार्टी बीआरएस (टीआरएस) का समर्थन करने के लिए तैयार है।
 
उन्होंने कहा कि 2018 में, सबसे बड़ी झूठा पार्टी (BJP) ने बीआरएस के साथ गठबंधन करने के लिए अपने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण के जरिए संदेश भेजा था। क्या यह प्रस्ताव उनके दिल्ली आकाओं की मंजूरी के बिना दिया जा सकता था। यहां तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रिकॉर्ड पर बयान दे रहे हैं।
 
पोस्ट में रामाराव की टिप्पणियों का खंडन करते हुए भाजपा के राज्यसभा सदस्य लक्ष्मण ने कहा कि यह बयानबाजी गलत इरादों से की गई है और इसका उद्देश्य झूठा प्रचार करना है।
 
लक्ष्मण ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनावों के दौरान बीआरएस ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ गठबंधन किया था और उन्हें साथ में महापौर की सीट मिली… भाजपा कभी भी किसी परिवार संचालित या वंशवादी राजनीतिक दल को प्रोत्साहित नहीं करेगी या उसके साथ गठबंधन नहीं करेगी।
 
रामा राव ने यह भी कहा कि कहानियां गढ़ने वालों को पता होना चाहिए कि बीआरएस ने इस प्रस्ताव को अगले ही क्षण खारिज कर दिया था।
 
मोदी ने 3 अक्टूबर को एक सार्वजनिक रैली में कहा था कि उन्होंने 2020 में हैदराबाद नगर निगम चुनाव के बाद चंद्रशेखर राव की ‘करतूतों’ का हवाला देते हुए राजग में शामिल होने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया और सत्तारूढ़ बीआरएस ने इसका खंडन किया। (भाषा)

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