NDA vs INDIA : बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है। मायावती ने कहा कि एनडीए (NDA) और इंडिया (INDIA) गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पाटियां हैं। इसकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने मीडिया से अपील की है कि फेक न्यूज न फैलाए।
मुंबई में होगी बैठक : विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के नेता गुरुवार से यहां शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक में गहन चर्चा के लिए तैयार हैं और इस दौरान वे एक समन्वय समिति तथा गठबंधन के लोगो की घोषणा करेंगे।
विपक्षी नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का मुकाबला करने के लिए संयुक्त प्रचार रणनीति तथा अपने सदस्यों के बीच मतभेदों को हल करने पर चर्चा करेंगे। उनके गठबंधन के साझा न्यूनतम कार्यक्रम का मसौदा तैयार करने, देशभर में आंदोलन करने के लिए संयुक्त योजनाएं बनाने और सीटों के बंटवारे के लिए कुछ समितियों की घोषणा करने की भी संभावना है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा ने कहा कि मुंबई की बैठक में मौजूदा सरकार की प्रतिगामी नीतियों का एक प्रगतिशील विकल्प लाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा पेश की जाएगी।
विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के अपने घटक दलों के बीच सुचारू समन्वय के लिए एक सचिवालय की घोषणा करने की भी संभावना है और यह राष्ट्रीय राजधानी में बनाया जा सकता है। इसके अलावा, सदस्य गठबंधन की अगुवाई करने के लिए एक संयोजक या अध्यक्ष के मुद्दे पर भी चर्चा करेंगे।
क्या नीतीश बनेंगे संयोजक : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संयोजक पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी गठबंधन का प्रमुख नियुक्त किए जाने की चर्चा है।
सूत्रों के अनुसार, कुमार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह संयोजक पद की दौड़ में शामिल नहीं हैं जबकि सोनिया गांधी ने व्यक्तिगत रूप से कहा है कि वह इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं।
दो दिवसीय बैठक के लिए नेताओं का यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। वे सीट बंटवारे जैसे विवादित मुद्दे पर भी बातचीत करेंगे।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुंबई पहुंच चुके हैं।
कुछ और दल हो सकते हैं शामिल : ऐसी अटकलें भी हैं कि मुंबई की बैठक में 26 दलों वाले इस विपक्षी गठबंधन में कुछ और क्षेत्रीय दल भी शामिल हो सकते हैं। यह पटना और बेंगलुरु के बाद इस गठबंधन की तीसरी बैठक है।
गठबंधन की पहली बैठक जून में पटना में, जबकि दूसरी बैठक जुलाई में बेंगलुरु में हुई थी, जहां इसे इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) नाम दिया गया।
मुंबई में बैठक से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया का संयोजक बनाए जाने संबंधी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है और वह सबको एकजुट करना चाहते हैं।
उन्होंने रविवार को कहा था कि इंडिया गठबंधन की मुंबई बैठक में कुछ और राजनीतिक दल इसमें शामिल हो सकते हैं। उन्होंने हालांकि, किसी दल का नाम नहीं लिया था।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि इंडिया गठबंधन मुंबई में अपनी बैठक में भाजपा चले जाओ का नारा देगा।
पटोले ने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के लिए कई सक्षम उम्मीदवार हैं । उन्होंने दावा किया कि कुछ दल जो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक हैं, वे भी विपक्षी गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
प्रस्तावित बैठक के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मिलिंद देवड़ा ने इंडिया के घटक दलों के बीच बढ़ते तालमेल को लेकर खुशी जाहिर की और कहा कि इसका सर्वोत्तम उदाहरण महाराष्ट्र है।
बैठक के मद्देनजर कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि गठबंधन के साझेदारों के बीच 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को ज्यादातर राज्यों में अंतिम रूप दे दिया गया है।
बैठक के आयोजन में अहम भूमिका निभा रहे देवड़ा ने इंडिया के साझेदारों के बीच विकसित हो रहे तालमेल की सराहना की और कहा कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाराष्ट्र में है।
शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के गठबंधन महाविकास आघाडी ने इंडिया की बैठक के विभिन्न पहलुओं की योजना के लिए विभिन्न समितियां गठित की हैं।
इंडिया की यह पहली बैठक है, जो ऐसे राज्य में आयोजित हो रही है, जहां इस गठबंधन का कोई भी घटक सत्ता में नहीं है।
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के राजग में शामिल होने की चर्चाओं को अटकल बताकर खारिज करते हुए पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि कई राजनीतिक दल भाजपा के साथ हाथ मिलाने में सहज नहीं महसूस कर रहे क्योंकि वह असंतोष की आवाज को कुचलने में बहुत माहिर है।
कर्नाटक की राजधानी में पिछले महीने हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि विपक्ष 2024 का चुनाव एकजुट होकर लड़ेगा और कामयाब होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी लड़ाई भाजपा की विचारधारा के खिलाफ है। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma