Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

तोपों और मिसाइलों से तबाह होंगे सीमापार दुश्मनों के आतंकी अड्‍डे...

तोपों और मिसाइलों से तबाह होंगे सीमापार दुश्मनों के आतंकी अड्‍डे...

सुरेश डुग्गर

, सोमवार, 18 फ़रवरी 2019 (14:32 IST)
जम्मू। पुलवामा हमले का बदला लेने की खातिर भारत पाकिस्तान पर हमला बोलेगा परंतु सिर्फ आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों पर। हालांकि वह इस हमले के परिणामों से भली भांति अवगत है, जिस कारण वह सीमाओं पर सुरक्षा प्रबंध मजबूत करने के लिए सेना को तैनात करने लगा है। वैसे पाकिस्तान द्वारा सीमाओं पर सेना का जमावड़ा करने की पहल की गई है क्योंकि वह जानता है कि भारत पुलवामा में हुए हमले का बदला अवश्य लेगा।
 
उच्च पदस्थ रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सीमाओं पर फौजों तथा सैनिक साजोसामान की तैयारी हालांकि किसी जंग की खातिर नहीं है बल्कि हमले का बदला लेने के लिए की जाने वाली जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से जिस युद्ध को छेड़े जाने की संभावना है, उसका मुकाबला करने के लिए है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, पाक कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवाद के ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला करने की खातिर भारतीय सेना ने पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि एक सूत्र के अनुसार, ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला करने तथा उसके परिणामों से देश को बचाने की खातिर की जाने वाली तैयारियों के लिए भारतीय सेना ने 20 से 30 दिनों का समय मांगा है और यह संभावना बढ़ती जा रही है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के बाद हमले का आगाज हो सकता है।
 
रक्षाधिकारियों के अनुसार, पाक कब्जे वाले कश्मीर में स्थित ट्रेनिंग कैम्पों पर प्रहार करने की खातिर जो तैयारियां आरंभ की गई हैं उनमें मिसाइलों की तैनाती से लेकर बोफोर्स तोपों की तैनाती भी होगी ही सेना की कई कमांडो यूनिटों को भी इसके लिए तैयार रहने को कहा गया है, जिन्हें उनके टास्क के बारे में पूरी जानकारी दे दी गई है।
फिलहाल यह सुनिश्चित नही है कि आतंकी प्रशिक्षण केन्द्रों पर हमले के लिए सभी विकल्पों का एक साथ इस्तेमाल होगा या फिर बारी-बारी से उनका प्रयोग किया जाएगा। इन ट्रेनिंग कैम्पों पर हमला कर उन्हें तबाह करने के लिए जो विकल्प सुझाए जा रहे हैं उनमें सबसे प्रमुख जमीन से जमीन पर मार करने वाले मिसाइलों का इस्तेमाल तो है ही कमांडो रेड भी शामिल हैं। हालांकि सेनाधिकारियों का विचार है कि सबसे पहले भारत को बिना एलओसी को लांघे ट्रेनिंग कैम्पों को तबाह करने की कोशिश करनी होगी जिसके लिए मिसाइलों तथा बोफोर्स तोपों का इस्तेमाल ही सबसे बेहतर माना जा रहा है।
 
यही नहीं, मिसाइलों तथा बोफोर्स तोपों के बाद कमांडो रेड तथा हवाई हमलों के विकल्प को भी खुला रखा गया है। इन दोनों विकल्पों का इस्तेमाल उसी स्थिति में किया जाएगा जब पहले वाले दो विकल्पों से जो ट्रेनिंग कैम्प तबाह होने से बच जाएंगे।
 
सूत्रों के अनुसार, भारत इन प्रशिक्षण केंद्रों को तबाह करने के लिए बाद वाले दो विकल्पों का इस्तेमाल करने से परहेज करता है क्योंकि वह जानता है कि उसका अर्थ दुनिया एलओसी को लांघने के रूप में लेगी जबकि सच्चाई यह है कि ऐसा अमेरीका द्वारा भी आतंकवाद के खात्मे की मुहिम के तहत किया जा चुका है।
 
सच्चाई यह है कि भारत सरकार अपने प्रत्येक उठाए जाने वाले कदम का परिणाम जानती है। वह जानती है कि उसका कोई भी कदम या विकल्प पाकिस्तान के साथ युद्ध के रूप में सामने आएगा। नतीजतन इन परिणामों को ध्यान में रखते हुए ही भारत द्वारा सीमाओं पर सेनाओं को युद्ध के लिए तैयारी करने को कहा जा रहा है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Google, Facebook जैसी ऑनलाइन कंपनियों पर डिजिटल टैक्स की तैयारी