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भाजपा का आरोप, कांग्रेस ने गरीबों को वोटबैंक समझा

भाजपा का आरोप, कांग्रेस ने गरीबों को वोटबैंक समझा
, शनिवार, 12 जनवरी 2019 (00:13 IST)
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की गरीबों को स्वाभिमान के साथ खड़ा करने वाली नीतियों की तारीफ करते हुए कांग्रेस की शुक्रवार को आलोचना की कि उसने देश में 55 साल के शासन के दौरान हमेशा गरीबों के लिए टुकड़े फेंके लेकिन उनकी गरीबी दूर करने के लिए सही प्रयास नहीं किए।

 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में यहां रामलीला मैदान में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में गरीब कल्याण प्रस्ताव पारित किया गया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गरीब कल्याण का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पारित किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि आजादी के बाद से गरीबी की अधूरी परिभाषा को इस विधेयक को पारित कराके पूरा कर दिया।
 
सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण को छेड़े बिना ब्राह्मण, ठाकुर, कापू, वैश्य, पटेल, मराठा आदि जातियों को गरीबो के आंसू पोंछने का काम किया है, इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी कोटि-कोटि अभिनंदन के पात्र हैं।
 
उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए मोदी सरकार के समस्त कार्यक्रमों का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज के समय में आम आदमी पढ़ाई, दवाई ,इलाज आदि समस्याओं से जूझते हुए जीवन बिता देता है। अगर सरकार उसके इस बोझ को कम कर दे तो आदमी नेता को दुआएं देता है। मोदी को भी देश का गरीब आदमी दुआएं दे रहा है।
 
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बाद में कहा कि कांग्रेस के जमाने में भी गरीबों के लिए कुछ ना कुछ योजनाएं लाईं गईं लेकिन वे योजनाएं सांकेतिक होती थीं और टुकड़ों-टुकड़ों में होती थीं। जबकि भाजपा का दृष्टिकोण अलग है। मोदी की सरकार ने गरीबों के सशक्तीकरण के लिए काम किया है। कांग्रेस गरीबों को वोटबैंक की रूप में देखती रही है और चुनाव के पहले थोड़ा- सा कुछ सहूलियत देकर वोट लेती रही है। लेकिन भाजपा की मान्यता है कि गरीब का विकास किए बिना देश का संतुलित विकास नहीं हो सकता है।
 
जावड़ेकर ने कहा कि गरीबों में हुनर है  लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिले। भाजपा उन्हें अवसर देने की राजनीति करती है। हम उसे हर बात के लिए लालायित नहीं देखना चाहते हैं बल्कि हम हर सहूलियत उसके घर पर पहुंचाना चाहते हैं और उसे स्वाभिमान से खड़ा करने वाली नीतियों पर काम करते हैं। चाहे वह प्रत्यक्ष लाभान्तरण हो या सौभाग्य योजना, उज्ज्वला योजना, आवास योजना, बीमा सुरक्षा योजना, कौशल विकास योजना या फिर गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था हो। 
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 30-40 साल तक गरीबी उन्मूलन के लिए समग्रता के दृष्टिकोण से काम नहीं किया। जबकि भाजपा की सरकार ने साढ़े चार साल में कुछ ना कुछ देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि ऐसे 23 करोड़ लोग हैं, जिन्हें मोदी सरकार की योजनाओं से कुछ ना कुछ लाभ अवश्य हुआ है।
 
बाद में 10 पृष्ठों के गरीब कल्याण प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। प्रस्ताव में प्रत्यक्ष लाभांतरण, आधार, जनधन, आर्थिक सुरक्षा बीमा,  आयुष्मान भारत, दवाओं के दामों में कमी एवं जनौषधि केन्द्र, मिशन इन्द्रधनुष, विद्युतीकरण, प्रधानमंत्री आवास योजना, अन्न सुरक्षा योजना, भ्रष्टाचार मुक्त मनरेगा, ढांचागत विकास, 10 प्रतिशत आरक्षण, दिव्यांगों, महिलाओं, आदिवासियों के सशक्तीकरण की योजनाओं का उल्लेख किया गया और कहा गया कि गरीबों का आर्थिक सबलीकरण किए देश नहीं बढ़ सकता है। प्रस्ताव में इन कदमों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया गया।

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