पटना। नीतीश और तेजस्वी को राज्यपाल फागू चौहान ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बिहार में एक बार फिर से महागठबंधन सरकार का नेतृत्व करने जा रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा की तरह इस बार भी गृह विभाग अपने पास रख सकते हैं। हालांकि नए मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की बड़ी हिस्सेदारी होगी तथा कई महत्वपूर्ण विभाग उसके हिस्से में आने की संभावना है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को बताया कि नए मंत्रिमंडल की संरचना के बारे में सैद्धांतिक सहमति बन गई है जिसमें जदयू, राजद और कांग्रेस से करीब 35 सदस्य होने की संभावना है।
जदयू के नेता नीतीश कुमार ने राजनीतिक स्थिति पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी टेलीफोन पर बात की है। मंत्री पदों के बंटवारे के फार्मूले के अनुसार, राजद कोटे से सबसे अधिक मंत्री होंगे क्योंकि सात दलों वाले महागठबंधन में उसके विधायकों की संख्या सबसे अधिक है। लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले राजद के पास 79 विधायक हैं।
नए मंत्रिमंडल के गठन को आपसी सहमति के तहत जदयू से 13 और राजद से 16 मंत्री हो सकते हैं। कांग्रेस को 4 तथा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को मंत्रिमंडल में एक स्थान मिलने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी गठबंधन सहयोगियों के बीच मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों पर एक व्यापक सहमति बन गई है। कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर आलाकमान की सहमति से लगेगी।
भाजपा और जदयू की सरकार वाले मंत्रिमंडल में शामिल नीतीश कुमार की पार्टी के कई मंत्रियों को फिर से मंत्री बनाए जाने संभावना जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा की तरह इस बार फिर से गृह विभाग अपने पास रख सकते हैं। गृह विभाग के तहत ही पूरा पुलिस महकमा और कानून-व्यवस्था आती है। ऐसी संभावना भी जताई जा रही है मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों के कल्याण से संबंधित विभागों को भी अपने पास रख सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि राजद द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों की एक सूची तैयार की गई है और इसे मंजूरी के लिए पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के साथ साझा किया है।
पिछली महागठबंधन सरकार में तेजस्वी के पास पथ निर्माण और भवन निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे। पिछली सरकार में भाजपा कोटो वाले विभागों को राजद को सौंपने के सैद्धांतिक निर्णय हुआ है। इसका तात्पर्य है कि उसे स्वास्थ्य और सड़क निर्माण विभाग जैसे कुछ महत्वपूर्ण विभाग मिलेंगे।(भाषा)