Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बिहार ने तोड़ा पाकिस्तान का रिकॉर्ड, एक साथ फहराए 77900 झंडे

Webdunia
शनिवार, 23 अप्रैल 2022 (15:51 IST)
भोजपुर। स्वतंत्रता संग्राम के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव पर भोजपुर के जगदीशपुर में बिहार ने 77 हजार 900 तिरंगे फहराकर पाकिस्तान का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में यह रिकॉर्ड बनाया गया।
 
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने एक साथ 57 हजार झंडे लहराने का रिकॉर्ड बनाया था, जिसे वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव समारोह में एक साथ 77 हजार 900 झंडे लहरा कर भारत ने तोड़ दिया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने घोषणा की।
 
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि वीर कुंवर सिंह जी ऐसे अकेले थे, जिन्होंने 80 साल के होने के बावजूद आरा-सासाराम से लेकर अयोध्या से बलिया होते हुए विजय का झंडा फहराने वाले व्यक्ति थे। उनके हाथ में गोली लग गई। उन्होंने अपने ही हाथ अपनी दूसरी हाथ काट ली। ऐसे साहस कुंवर सिंह के अलावा किसी में नहीं हो सकता।
 
चार दिन तक खून बहने के बावजूद भी वो वीर व्यक्ति का प्राण नहीं गया। जगदीशपुर में आजादी का झंडा फहराने के बाद वो शहीद हुए। आज मैं उस जगह पर गया था। उस स्थान पर भारत सरकार स्मारक बनवाएगी।
 
Koo App

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में 288 में महायुति ने जीती 230 सीटें, एमवीए 46 पर सिमटी, चुनाव परिणाम की खास बातें

Maharashtra elections : 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वालों में महायुति के 15 उम्मीदवार शामिल

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

આગળનો લેખ
Show comments