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पुलवामा हमले की बरसी पर बड़ी साजिश का खुलासा, कश्मीर में रेड अलर्ट

पुलवामा हमले की बरसी पर बड़ी साजिश का खुलासा, कश्मीर में रेड अलर्ट

सुरेश एस डुग्गर

, गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020 (20:35 IST)
जम्मू। अगर खुफिया अधिकारियों की बातों पर विश्वास करें तो कश्मीर में आतंकी गठजोड़, जिसमें जैशे मुहम्मद, लश्करे तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन तथा अल बदर भी शामिल हैं, पुलवामा हमले की बरसी पर हमले की साजिश रच सकते हैं। यही कारण है कि शुक्रवार को यानी 14 फरवरी के दिन कश्मीर में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
 
अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर में आतंकियों के पुलवामा जैसे हमले की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में आतंकी सुरक्षाबलों पर आईईडी के जरिए हमले की साजिश में लगे हैं।

सूचना है कि आतंकी संगठन जैशे मुहम्मद के नेतृत्व में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के आतंकियों ने एक साथ ग्रुप बनाकर हमला करने का प्लान तैयार किया है। ग्रुप को ‘गजनवी फोर्स’ का नाम दिया गया है।
 
अधिकारी कहते हैं कि ये नया ग्रुप कश्मीर में सुरक्षा बलों पर आईईडी से भीषण हमले कर सकता है। सुरक्षाबलों पर आतंकी, गाड़ी में लगे आईईडी के जरिये हमले कर सकते हैं। ख़ुफ़िया इनपुट के बाद सभी सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है।
 
जानकारी के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मुदस्सिर के मददगार जैश के 4 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। एनआईए ने पिछले साल सितंबर में जैश के आतंकी सज्जाद अहमद खान के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
 
इन चारों आतंकियों के खिलाफ 120बी, 121ए के अलावा एनआईए की कई धाराओं में चार्जशीट दायर की गई है। जैश का आतंकी मुदस्सिर ही पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड था, जिसे सेना ने मार्च 2019 में मुठभेड़ में मारा गिराया था।
 
त्राल के मीर मोहल्ला में रहने वाला मुदस्सिर खान 2017 में जैश से जुड़ा था। बाद में नूर मोहम्मद तंत्रे उर्फ नूर त्राली ने उसको आतंकी संगठन में शामिल कर लिया। नूर त्राली के 2017 में मारे जाने के बाद खान अपने घर से 14 जनवरी, 2018 को लापता हो गया और वह तब से आतंकवादी के रूप में सक्रिय था।
 
14 फरवरी को पुलवामा में विस्फोटक से भरी कार से केरिपुब की बस में टक्कर मारने वाला आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार लगातार खान के संपर्क में था। ऐसा माना जाता है कि फरवरी 2018 में सुंजावां के सेना के शिविर पर हुए आतंकी हमले में भी वह शामिल था।
   
पिछले साल 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने केरिपुब के काफिले को निशाना बनाते हुए आत्मघाती हमला किया था।

इसमें केरिपुब के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। घटना में इस्तेमाल किया गया विस्फोटक इतना शक्तिशाली था कि उसकी आवाज 10-12 किमी दूर सुनाई दी थी।
 
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। तभी एक आत्मघाती आतंकी ने विस्फोटक से भरी अपनी कार जवानों की बस से भिड़ा दी थी।

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