बेंगलुरु। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी को लेकर विपक्षी दलों द्वारा व्यक्त की जा रही आशंकाओं के बीच भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमवी गौतम ने शनिवार को कहा कि बीईएल की ओर से बनाई गईं ईवीएम और वीवीपैट पूरी तरह से विश्वसनीय हैं और इनको लेकर किए जा रहे सारे संदेह निराधार हैं।
गौतम ने यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी कराए जा सकने के आरोप लगे थे, जो सही नहीं हैं। ईवीएम का नवीनतम मॉडल एम-3 काफी विश्वसनीय है और उसमें गड़बड़ी नहीं कराई जा सकती। इस मसले पर उठा तूफान अब शांत हो गया है।
उन्होंने कहा कि बीईएल ने 10 लाख से अधिक ईवीएम की आपूर्ति की है। प्रतिदिन 18 से 20 ट्रकों में ईवीएम और वीवीपैट यहां से भेजी गईं। उन्होंने कहा कि बीईएल 1990 से ईवीएम निर्मित कर रही है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में बीईएल ने 542 में से 400 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए ईवीएम आपूर्ति की। शेष लोकसभा क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. ने ईवीएम आपूर्ति की है।
बीईएल अब तक 10 लाख से अधिक ईवीएम निर्मित कर चुकी है। पहली ईवीएम का मॉडल एम-1 था, दूसरा एम-2 और अब कंपनी नवीनतम एम-3 मॉडल बना रही है। कंपनी ने एम-2 मशीनों के उन्नयन के लिए भी काम शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि मैं ईवीएम पर विश्वसनीयता को लेकर सभी अंदेशे दूर करना चाहता हूं। कई विदेशी अधिकारी भी ईवीएम का परीक्षण करने आए थे और वे इनकी कार्यप्रणाली से काफी प्रभावित हुए। कंपनी को चुनाव आयोग से 2600 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले थे। अब आयोग का कोई ऑर्डर लंबित नहीं है। राज्य सरकारों के एम-3 श्रेणी के ईवीएम बनाने के आर्डर मिल रहे हैं। ये आर्डर 100 करोड़ रुपए से अधिक के हैं।