Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

दिशा रवि मामले में जज ने कहा, सरकार की नीतियों से असहमत लोगों को जेल नहीं भेज सकते

दिशा रवि मामले में जज ने कहा, सरकार की नीतियों से असहमत लोगों को जेल नहीं भेज सकते
, बुधवार, 24 फ़रवरी 2021 (09:40 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस को झटका देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने सोशल मीडिया पर किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित 'टूलकिट' साझा करने के मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को जमानत दे दी। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्य अल्प एवं अधूरे हैं। जज ने कहा कि लोगों को केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमत हैं।
 
अदालत ने कहा कि दिशा रवि और ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ (पीजेएफ) के खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं के बीच प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। अदालत ने कहा कि रत्ती भर भी सबूत नहीं है जिससे 26 जनवरी को हुई हिंसा में शामिल अपराधियों से पीएफजे या रवि के किसी संबंध का पता चलता हो।
 
इसके अलावा, अदालत ने कहा कि प्रत्यक्ष तौर पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता जो इस बारे में संकेत दे कि दिशा रवि ने किसी अलगाववादी विचार का समर्थन किया है। अदालत ने कहा कि दिशा रवि और प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के बीच प्रत्यक्ष तौर पर कोई संबंध स्थापित नजर नहीं आता है।
 
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने रवि को एक लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत भरने पर यह राहत दी। जज ने कहा कि उक्त 'टूलकिट' के अवलोकन से पता चलता है कि उसमें किसी भी तरह की हिंसा के लिए कोई भी अपील नहीं की गई है।
 
अदालत ने कहा, 'मेरे विचार से, किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए नागरिक सरकार की अंतरात्मा के संरक्षक होते हैं। उन्हें केवल इसलिए जेल नहीं भेजा जा सकता क्योंकि वे सरकार की नीतियों से असहमत हैं।'
 
अदालत ने कहा कि किसी मामले पर मतभेद, असहमति, विरोध, असंतोष, यहां तक कि अस्वीकृति, राज्य की नीतियों में निष्पक्षता को निर्धारित करने के लिए वैध उपकरण हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Coronil: डीएमए ने डॉ. हर्षवर्धन की आलोचना वाले आईएमए के बयान पर जताई आपत्ति