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अयोध्या, गोरखपुर और इलाहाबाद में बनेंगे संग्रहालय

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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018 (20:30 IST)
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश की तीन प्रमुख धार्मिक नगरियों अयोध्या, गोरखपुर और इलाहाबाद में तीन अलग-अलग संग्राहलय बनवाएगी और इसके लिए प्रदेश की सरकार से बात की जा रही है। केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी।


शर्मा ने अपने मंत्रालय के बजट आवंटन के बारे में बताया कि अयोध्या में यह संग्रहालय भगवान राम पर आधारित होगा। इसी प्रकार इलाहाबाद में बनने वाला संग्रहालय कुंभ मेले पर केंद्रित होगा। गोरखपुर में बनने वाला संग्रहालय शहर की संस्कृति पर आधारित होगा जिसमें गोरक्षनाथ मंदिर भी शामिल होगा।

उन्होंने कहा कि इनके बारे में काम शुरू हो चुका है। शर्मा ने बताया कि इस बारे में दो दिन पहले ही उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक हुई थी। शर्मा ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में संस्कृति मंत्रालय के बजट आवंटन में 3.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि मंत्रालय के पिछले दो साल के बजट को शत-प्रतिशत खर्च किया गया और इस साल भी यह पूरा व्यय होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सुभाषचंद्र बोस और आईएनए के बारे में एक संग्रहाल बनाया जाएगा। इसके लिए डीडीए से जमीन के लिए बात की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जमीन का प्रबंध नहीं होने पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र से भी कुछ जमीन लेने पर विचार हो सकता है। उन्होंने कहा कि कोलकाता में भी नेताजी के बारे में एक संग्रहालय बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने 490 करोड़ रुपए की योजना कल्चरल मैंपिंग ऑफ इंडिया शुरू की है। इसमें देश के किसी भी हिस्से में रहने वाला कोई भी कलाकार एक केन्द्रीय पोर्टल में अपना पंजीकरण करा सकता है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई शर्त या पाबंदी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इसके आधार पर इन कलाकार को श्रेणीबद्ध करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का इस कदम के पीछे मकसद यही है कि हमारी कोई भी पारंपरिक कला पहचान के अभाव में दम न तोड़े। उन्होंने कहा कि लाल किले के संरक्षण के लिए विभिन्न कार्य चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लाल किले में चार प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है जो 1857 के भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, प्रथम विश्व युद्ध में भारत का योगदान, नेताजी सुभाषचंद्र बोस और आईएनए तथा सरदार वल्लभ भाई पटेल से संबंधित है।

उन्होंने दिल्ली के पुराने किले, कुतुब मीनार, खजुराहो मंदिर समूह, कोणार्क का सूर्य मंदिर, हम्पी मंदिर समूह, तमिलनाडु के महाबलीपुरम, हैदराबाद का गोलकुंडा किला, महाराष्ट्र के अजंता एवं एलोरा की गुफाएं, आगरा के फतेहपुर सीकरी के संरक्षण और वहां पर्यटकों की सुविधाओं के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। (भाषा)

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