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Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल तोड़कर किया था अटलजी का सम्मान

Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल तोड़कर किया था अटलजी का सम्मान
, सोमवार, 25 दिसंबर 2023 (08:22 IST)
Atal Bihari Vajpayee Jayanti: आज भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 99 वीं जयंती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू सहित देश भर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।

बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी देश के उन नेताओं में से एक रहे जिन्हें पार्टी के दायरे के बाहर सभी से सम्मान मिला था। बावजूद इसके 2014 के दिसंबर में अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। मार्च 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकॉल तोड़ा और अटल जी को उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया था।

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती (25 दिसंबर) पर उन्हें देशभर में श्रद्धांजलि दी जाएगी। आज अटल बिहारी वाजपेई की 99 वीं जयंती है। बीजेपी के देशभर के मुख्यालयों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है।

अगले साल 2024 में उनकी जन्म शताब्दी होने से पहले यह वर्ष बेहद खास है। जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "सदैव अटल स्मारक" पहुंचेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई वरिष्ठ नेता भी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके लिए सदैव अटल स्मारक को सजाया गया है और सुरक्षा की भी चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।

क्यों खास है अटल जयंती का आयोजन : अटल जी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य और पोती निहारिका के भी स्मृति स्थल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि देने की उम्मीद है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के नरेंद्र मोदी के सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद अटल जयंती इसलिए भी खास है, क्योंकि उन्होंने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक देश में दो संविधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं होने के सपने को साकार करने का हमेशा सपना देखा था। अब वह पूरा हो गया है।

तीन बार देश के पीएम रहे अटल : अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। सबसे पहले 1996 में 13 दिनों के लिए वह प्रधानमंत्री बने थे। बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए। 13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।
Edited by navin rangiyal

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