शाहजहांपुर (उप्र)। आसाराम बापू के खिलाफ बलात्कार के मामले में मुकदमे की कार्यवाही मंद गति से चलने पर उच्चतम न्यायालय द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच जिला प्रशासन ने यहां बलात्कार पीड़िता की सुरक्षा कड़ी कर दी है।
पुलिस अधीक्षक केबी सिंह ने बताया कि बलात्कार पीड़िता के आवास पर दो और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। अब एक महिला कांस्टेबल सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी आवास पर तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि दो कर्मियों को बुलेटप्रूफ जैकेट भी मुहैया कराई गई है। सिंह ने बताया कि पूरे परिवार को सुरक्षा दी गई है और वह स्वयं समय-समय पर इसकी समीक्षा कर रहे हैं।
हालांकि पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि वह घटना के बाद से ही अपने बेटे को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने का आग्रह कर रहे हैं, लेकिन अब तक नहीं मिल सका। पिता का कहना है कि उनकी सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है।
पिता ने स्थानीय पत्रकार नरेन्द्र यादव को भी अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की, जिन्होंने एक स्थानीय दैनिक में पूरे प्रकरण को सक्रियता से कवर किया। इस समय यादव को केवल एक सुरक्षाकर्मी दिया गया है।
शाहजहांपुर की 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया था। दिल्ली के कमला मार्केट थाने में मामला दर्ज कराया गया, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। उच्चतम न्यायालय ने 28 अगस्त को आसाराम बापू बलात्कार मामले की कार्यवाही में विलंब पर सवाल उठाया था।
शीर्ष अदालत ने 12 अप्रैल को गुजरात की निचली अदालत से आसाराम के खिलाफ सूरत की दो बहनों द्वारा दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया तेज करने को कहा था।
उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात में दर्ज मामलों में आसाराम को जमानत देने से इंकार कर दिया था। सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण सांई पर पृथक शिकायतें दर्ज कराई थीं। पिता-पुत्र पर बलात्कार और अवैध रूप से बंधक बनाने सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।
बड़ी बहन ने अपनी शिकायत में आसाराम पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2001 से 2006 के बीच लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया, जब वह अहमदाबाद के निकट आसाराम के आश्रम में रह रही थीं।
राजस्थान में दर्ज मामले में नाबालिग लड़की ने आसाराम पर आरोप लगाया कि जोधपुर के एक गांव स्थित आसाराम के आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया गया। नाबालिग उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि इस मामले में कार्यवाही में अनावश्यक रूप से विलंब हुआ है और अभियोजन पक्ष के गवाहों पर हमले किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से दो गवाहों की मौत हो गई।
पिछले साल 18 नवंबर को शीर्ष अदालत ने बच्चों की कथित हत्या और आसाराम बलात्कार मामलों के दस गवाहों पर हमलों की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर केन्द्र और पांच राज्यों से जवाब तलब किया था। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वे जेल में बंद हैं। (भाषा)