Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Excise policy corruption: केजरीवाल की जमानत याचिका पर 13 सितंबर को फैसला सुनाएगा सुप्रीम कोर्ट

kejriwal in jail

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 12 सितम्बर 2024 (15:36 IST)
Excise policy corruption case: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की 2 याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। केजरीवाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में अपनी गिरफ्तारी तथा जमानत से इनकार किए जाने को चुनौती देते हुए 2 अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।

 
सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर 13 सितंबर को अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ दोनों याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी। पीठ में न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइंया भी शामिल हैं। पीठ ने 5 सितंबर को केजरीवाल की याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख को 26 जून को गिरफ्तार किया था।

 
उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 अगस्त के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के इस मामले में उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और संबंधित साक्ष्यों को देखकर यह नहीं कहा जा सकता है कि गिरफ्तारी अकारण या अवैध थी।
 
उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत संबंधी याचिका पर निचली अदालत से संपर्क करने की भी अनुमति दी थी। यह मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस नीति को बाद में निरस्त कर दिया गया था।

 
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक अलग मामला दर्ज किया था। सीबीआई और ईडी के अनुसार आबकारी नीति में संशोधन करके अनियमितताएं की गईं और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
 
शीर्ष अदालत ने 12 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। शीर्ष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग (रोकथाम) अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और अनिवार्यता के पहलू पर तीन सवालों के संदर्भ में गहन विचार के लिए इसे एक बड़ी पीठ (5 सदस्यीय संविधान पीठ) को भेज दिया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।

भ्रष्टाचार मामले में अपनी याचिका पर 5 सितंबर को सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने सीबीआई की उस दलील का जोरदार विरोध किया था कि उन्हें जमानत के लिए सबसे पहले निचली अदालत जाना चाहिए। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने केजरीवाल की याचिकाओं के गुण-दोष पर सवाल करते हुए उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में भी शीर्ष अदालत को उन्हें (केजरीवाल को) निचली अदालत जाने के लिए कहना चाहिए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

संजौली मस्जिद विवाद पर मुस्लिम समिति का बड़ा फैसला, शिमला नगर निगम से की अपील