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पीएम मोदी के ‘संकटमोचक’ थे अरुण जेटली, दिल्ली के लिए तैयार की सियासी जमीन

विशेष प्रतिनिधि
शनिवार, 24 अगस्त 2019 (14:26 IST)
भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का निधन हो गया। 9 अगस्त से एम्स में भर्ती अरुण जेटली का निधन भाजपा और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अरुण जेटली के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर गहरा दुख जताया है।
 
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का राजनीतिक सफर
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली उनके सबसे विश्वस्त सहयोगी थे। नोटबंदी और जीसएटी जैसे बड़े फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब लिए थे तो उसके पीछे अरुण जेटली की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण थी। जेटली ने पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जनधन योजना को सफलतापूर्वक लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को लेकर मोदी सरकार ने जो कड़ा कानून बनाया था उसमें भी जेटली की अहम भूमिका थी।

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2019 में जब पीएम मोदी दोबारा उनको अपनी कैबिनेट में लेना चाहते थे तब खुद जेटली ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर मंत्री बनने से इंकार कर दिया था।
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जेटली और मोदी की दोस्ती : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली करीबी दोस्त थे। राजनीति के जानकार कहते हैं कि पीएम मोदी के लिए दिल्ली का रास्ता बनाने के लिए जेटली की अहम भूमिका थी। गुजरात दंगों के बाद जब मोदी पूरे विपक्ष के साथ अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ गए थे तब जेटली ही थे जो उनके साथ मजबूती के साथ खड़े नजर आए थे।
 
जेटली ने बतौर वकील गुजरात के लेकर दिल्ली तक मोदी और अमित शाह से जुड़े कई मामलों की पैरवी की। इसके बाद जब 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब अमृतसर से लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी पीएम मोदी ने उनको अपनी कैबिनेट में शामिल किया और सबसे अहम माने जाने वाले वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। पीएम मोदी जब दिल्ली में पार्टी के महामंत्री थे तब जेटली उनके करीब आए। इसके बाद दोस्ती का यह सिलसिला आगे बढ़ता गया।
 
नरेंद्र मोदी जब दिल्ली से जाकर गुजरात में पार्टी की कमान संभाली और मुख्यमंत्री बनें तब अपने दोस्त अरुण जेटली को गुजरात से राज्यसभा में भेजा था। यह दोस्ती इस कदर मजबूत थी कि जेटली गुजरात चुनाव में भाजपा के प्रभारी भी रहे। इसके साथ ही जेटली जब राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष थे तब पर्दे के पीछे रहकर उन्होंने दिल्ली में अपने दोस्त नरेंद्र मोदी के लिए सियासी जमीन तैयार की।
राफेल पर पीएम मोदी का खुलकर बचाव : लोकसभा चुनाव के समय जब राहुल गांधी ने राफेल विमान के मुद्दे पर पीएम मोदी पर सीधा हमला बोला था तब जेटली खराब तबीयत के बावजूद पीएम मोदी के बचाव में आए थे। जेटली ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा था कि उनको राहुल गांधी के ज्ञान पर तरस आता है। इसके साथ ही संसद में भी जेटली ने राफेल खरीदी के मुद्दे पर जमकर बचाव किया था। राफेल मुद्दे पर अरुण जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संकटमोचक बनकर नजर आए थे।

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