Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

अमृतसर हादसा : पहली बार सौरभ मदान उर्फ मिठ्‍ठू आया मीडिया के सामने, किया खुलासा

अमृतसर हादसा : पहली बार सौरभ मदान उर्फ मिठ्‍ठू आया मीडिया के सामने, किया खुलासा
, बुधवार, 24 अक्टूबर 2018 (00:41 IST)
अमृतसर। दशहरे के दिन यहां शाम को रावण दहन के दौरान ट्रेन हादसे में 62 लोगों की मौत के बाद से अंडरग्राउंड हुए दशहरा कमेटी के प्रधान सौरभ मदान उर्फ मिठ्‍ठू पहली बार कैमरे के सामने आए और नेशनल  टीवी पर खुलासा किया कि इस दु:खद घटना के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने पुलिस और कॉर्पोरेशन दोनों से अनुमति ली थी। वे घटना स्थल से इसलिए भागे, क्योंकि लोगों का हुजूम उन्हें मारने आ रहा था। 
 
 
खबरिया चैनल 'एबीपी' न्यूज के रिपोर्टर जगमिंदर पटियाल से विशेष मुलाकात में सौरभ ने कहा कि पिछले 20 -25 सालों से यहां पर रावण दहन का कार्यक्रम होता आया है। चूंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी, लिहाजा पहली बार मैं यह आयोजन कर रहा था। जिस जगह रावण दहन का कार्यक्रम था, वहां चार दीवारी है और 8-8 फुट ऊंची दीवार है। समीप ही रेलवे लाइन भी है, जहां यह दर्दनाक हादसा हुआ।
 
लगा जैसे काल आ गया : सौरभ ने कहा कि रावण में आग लग चुकी थी और कुछ ही मिनट बाद मुझे सहयोगियों ने बताया कि ट्रेन से 2-3 लोग कट गए हैं। फिर खबर आई कि 20 लोग मरे हैं और बाद में यह आंकड़ा 100 का बताया जाने लगा। तब स्टेज पर मेरे पिता, पत्नी, भाई और बहन भी थे। मेरे 62 साल के पिता को मैंने किसी तरह एक्टिवा से घर भेजा। 5-7 मिनट बाद जब लोग मुझे मारने आने लगे तो मैं बहुत डर गया था, मुझे सदमा लगा था। लगा कि जैसे काल आ गया...मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। 
 
अमृतसर से भूमिगत नहीं हुआ हूं : दशहरा दहन शुक्रवार को हुआ था और सौरभ मदान तभी से गायब थे। टीवी पर उन्हें 'दूसरा रावण' कहा जाने लगा और सीसीटीवी में वे कार से भागते हुए कैद हुए थे। मदान उर्फ मिठ्‍ठू ने कहा कि मैं अमृतसर में ही हूं और मुझे भी अपने लोगों के मारे जाने का दु:ख है। मैं पुलिस के पास भी जाऊंगा, अस्पताल में घायलों से मिलूंगा और उनके घर भी जाऊंगा, जिनके परिजन हादसे में मारे गए हैं। मैं अपनी ओर से पूरी मदद और सहयोग करने को तैयार हूं।
 
अनुमति की रसीद भी है सौरभ के पास : यह पूछे जाने पर कि क्या आपकी मदद नवजोत सिद्धू और उनकी पत्नी कर रहे हैं? सौरभ ने कहा कि नहीं। वे मुझे कोई शह नहीं दे रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि इस आयोजन के लिए हमने सभी से अनुमति ली थी। कॉर्पोरेशन की रसीद नंबर 7521 अभी भी मेरे पास है। दहन के वक्त दमकल विभाग की गाड़ियां खड़ी थीं। पूरा आयोजन बाउंड्री वॉल के भीतर हो रहा था। जोड़ा फाटक पर भी रावण दहन का बोर्ड लगा दिया था। सभी को पता था कि यहां हर साल रावण दहन का कार्यक्रम होता है।
 
पूरा परिवार बेहद डरा और सहमा हुआ है : दहन के दौरान पास बनी रेलवे लाइन से ट्रेनें भी गुजरीं। स्टेज से बार-बार अनाउंस‍ किया जा रहा था कि पटरी के आसपास से लोग हट जाएं, लेकिन अचानक ट्रेन धड़धड़ाती हुई आई और 59 लोगों की मौत हो गई। 3 लोगों ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ा। उन्होंने कहा कि मरने वाले सब मेरे अपने थे। मुझे भी इस हादसे ने हिलाकर रख दिया है। शनिवार को मुझे पता चला कि मेरे घर पर  70-80 लोगों ने पथराव किया। मेरा पूरा परिवार बेहद डरा और सहमा हुआ है।
 
मैं बेकसूर हूं : सौरभ ने कहा कि जो लोग मुझे 62 लोगों की मौत के लिए कसूरवार मान रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इस दादसे में मेरा कोई कसूर नहीं है। मैं बेगुनाह हूं। सभी को मालूम था कि रावण दहन स्थल के पास रेलवे लाइन है। यहां पर करीब 700 से ज्यादा लोग जमा हो गए थे, जिनमें से कई लोग तेज रफ्तार वाली ट्रेन के शिकार हो गए।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

प्रधानमंत्री मोदी लांच करेंगे 'मैं नहीं हम' ऐप, उद्योग प्रमुखों से करेंगे मुलाकात