नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना हमारा (सरकार का) काम नहीं है। हालांकि उन्होंने फैसले में देरी के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया।
अमित शाह ने कहा कि हम चाहते हैं कि मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला जल्द आए। एबीपी न्यूज से बात करते हुए शाह ने कहा कि अयोध्या मामले में शीर्ष अदालत का जो भी फैसला होगा, हम उसे मानेंगे। संभवत: इस मामले में फैसला पहले ही आ जाता, लेकिन कपिल सिब्बल और कांग्रेस पार्टी ने कोर्ट में कहा था कि चुनाव से पहले इस पर निर्णय नहीं आना चाहिए।
गृहमंत्री ने कहा कि मंदिर सरकार को नहीं बनाना है। मंदिर बनाने के लिए जिस ट्रस्ट के पास जमीन जाएगी या फिर सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसी के अनुरूप कार्रवाई होगी। कोर्ट का फैसला सबको स्वीकार करना ही पड़ता है।
पूरे देश में एनआरसी : शाह ने कहा कि एनआरसी सिर्फ असम में नहीं बल्कि पूरे देश में लागू होना चाहिए। देश के नागरिकों का रजिस्टर होना वक्त की जरूरत है। कश्मीर में मानवाधिकार की बातें करने वालों पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि ऐसे लोगों को कश्मीर में मारे गए लोगों के मानवाधिकार क्यों नजर नहीं आते।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर शाह ने कहा कि यह अस्थायी था और जब हमारी सरकार आई तो हमने इसे हटा दिया।