जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद क्या गृहमंत्री अमित शाह का अगला निशाना नक्सलवाद पर होगा? दरअसल, शाह ने इसको लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। यदि सब कुछ अनुकूल रहा तो नक्सलियों के खिलाफ सामूहिक मुहिम चलाई जा सकती है।
दरअसल, अमित शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की है। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, यूपी से योगी आदित्यनाथ, ओड़िशा से नवीन पटनायक और झारखंड के मुख्यमंत्री बैठक में मौजूद थे। बैठक में मुख्यमंत्रियों के अलावा नक्सलवाद प्रभावित 10 राज्यों के शीर्ष पुलिस अधिकारी, अर्धसैनिक बलों के अधिकारी एवं मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में क्या हुआ इसका खुलासा तो अभी नहीं हो पाया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि अब नक्सलवाद के खिलाफ संयुक्त रूप से अभियान चलाया जा सकता है। एक जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री ने नक्सलियों के खिलाफ अभियानों और नक्सल प्रभावित इलाकों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की।
एक जानकारी के मुताबिक 2014 से 2018 के बीच 1,321 लोगों की मौत हुई। 2019-18 के बीच 1,400 नक्सली मारे गए। इस साल नक्सली हिंसा में करीब 88 लोगों की मौत हुई।
माओवाद से प्रभावित राज्य : छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश हैं।
नक्सली हिंसा की बड़ी घटनाएं :
2007 : छत्तीसगढ़ के बस्तर में 300 से ज्यादा नक्सलियों के हमले में 55 पुलिसकर्मी शहीद हुए।
2008 : ओडिशा के नयागढ़ में नक्सलवादियों ने 14 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की हत्या कर दी।
2009 : महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में हुए एक हमले में 15 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए।
2010 : नक्सलवादियों ने कोलकाता-मुंबई ट्रेन में 150 यात्रियों की हत्या कर दी।
2010 : पश्चिम बंगाल के सिल्दा केंप में घुसकर नक्सलियों ने हमला किया। इसमें अर्धसैनिक बल के 24 जवान शहीद हो गए।
2011 : छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में हुए एक बड़े नक्सलवादी हमले में करीब 76 जवान शहीद हो गई। इनमें सीआरपीएफ और पुलिस के जवान शामिल थे।
2012 : झारखंड के गढ़वा जिले के पास बरीगंवा जंगल में 13 पुलिसकर्मी शहीद।
2013 : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने कांग्रेस के नेता समेत 27 व्यक्तियों की हत्या कर दी।