Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

अमरनाथ यात्रा पर असमंजस, हिमलिंग पिघलने का खतरा

अमरनाथ यात्रा पर असमंजस, हिमलिंग पिघलने का खतरा

सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 17 जुलाई 2020 (17:34 IST)
जम्मू। कोरोना के कारण इस बार अमरनाथ यात्रा के आरंभ होने पर संशय के बीच अमरनाथ श्रद्धालुओं के लिए यह बुरी खबर हो सकती है कि शायद यात्रा के शुरू होने से पहले ही यात्रा का प्रतीक हिमलिंग पिघल जाएगा। अभी तक यही होता था कि यह लाखों श्रद्धालुओं की सांसों के कारण जल्द पिघल जाता था, लेकिन इस बार गर्मी इसे तेजी से पिघला रही है।
 
यात्रा की तैयारियों से जुड़े अधिकारियों के बकौल, करीब डेढ़ माह पहले अनलॉक 1.0 शुरू होने से पूर्व हिमलिंग अपने पूरे आकार में था। यह करीब 20 से 22 फुट का था। 5 जुलाई को यह 11 से 12 फुट का था और अब इसकी ऊंचाई करीब 7 से 8 फुट के बीच रह गई है। जबकि इसकी चौड़ाई भी कम होती जा रही है। उनके मुताबिक, यह अब तेजी से पिघल रहा है और आशंका है कि यात्रा के शुरू होने से पहले ही यह पूरी तरह से पिघल सकता है।
यह कोई पहली बार नहीं है कि हिमलिंग तेजी से पिघल रहा हो बल्कि पिछले कई सालों से यह देखने को मिल रहा है हिमलिंग यात्रा के आरंभ होने के कुछ ही दिनों के उपरांत पूरी तरह से पिघल जाता रहा है। हालांकि तब इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग के साथ साथ उन लाखों भक्तों की सांसें भी जिम्मेदार होती थीं जो दर्शनार्थ गुफा तक पहुंचते थे।
 
विशेषज्ञों के मुताबिक अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान के बढ़ने की आशंका होगी। इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलेंगे। साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था। आंकड़ों के मुताबिक उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही हिमलिंग पिघलकर डेढ़ फुट के रह गए थे। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे।
साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला हिमलिंग 10 फुट का था। जो अमरनाथ यात्रा के शुरुआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु हिमलिंग के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे।
 
साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतर्ध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।
 
2018 में भी बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का सिलसिला जारी था। 28 जून से शुरू हुई 60 दिवसीय इस यात्रा में एक महीने बीतने पर करीब दो लाख 30 हजार यात्रियों ने दर्शन किए थे। मगर इसके बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं हुए। बाबा दर्शन देने से पहले ही अंतर्ध्यान हो गए थे।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Data Report :देश में एक से 1 लाख कोरोना पॉजिटिव होने में लगे 111 दिन, अब 3 दिन में बढ़ रहे 1 लाख मरीज