नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय अलवर जिले में हाल ही में गौ तस्करी के संदेह में एक व्यक्ति की पीटकर हत्या के मामले में राजस्थान सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया। इस याचिका पर 28 अगस्त को सुनवाई होगी।
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने अवमानना याचिकाओं में आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद भीड़ द्वारा पीट कर मारने और गौ रक्षा के नाम पर हत्या की घटना, हो रही हैं। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि अवमानना याचिकाओं पर मुख्य मामले के साथ ही 28 अगस्त को सुनवाई की जाएगी।
इन याचिकाओं में राजस्थान सरकार के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि शीर्ष अदालत अपने आदेश का अक्षरश: पालन करने के लिए निर्देश जारी करे। शीर्ष अदालत ने 17 जुलाई को इस तरह की घटनाओं से प्रभावी तरीके से निबटने के लिए उचित कानून बनाने पर विचार करने का अनुरोध संसद से किया था।
न्यायालय ने कहा था कि भीड़तंत्र को अपने आप में कानून बन जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। राजस्थान के अलवर जिले में 21 जुलाई को गाय की तस्करी करने के संदेह में कुछ व्यक्तियों के समूह ने एक व्यक्ति की कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। यह घटना अलवर में ही करीब सवा साल पहले डेयरी किसान पहलू खां की स्वयंभू गौ रक्षकों द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना के बाद हुई है।
इस घटना के वक्त 1 अप्रैल, 2017 को पहलू खां मवेशी को हरियणा स्थित अपने गांव ले जा रहा था। पहलू खां की दो दिन बाद मृत्यु हो गई थी। पिछले एक साल से अधिक समय से राजस्थान के अलवर शहर में इस तरह के हमले की अनेक घटनाएं हुई हैं जिनमें स्वयंभू गौ रक्षकों ने गायों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा रहे लोगों को अपना निशाना बनाया है। (भाषा)