Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Covid Immunity: 12 महीनों में भारतीयों ने 15 हजार करोड़ के ‘इम्‍युनिटी बूस्‍टर’ खरीद डाले

Covid Immunity: 12 महीनों में भारतीयों ने 15 हजार करोड़ के ‘इम्‍युनिटी बूस्‍टर’ खरीद डाले
, गुरुवार, 17 जून 2021 (15:20 IST)
कोरोना में सबसे ज्‍यादा अगर किसी चीज की ड‍िमांड रही तो वो है मेड‍िसिन और इम्‍युनिटी बुस्‍टर और विटामिन सप्‍ल‍ीमेंट्स। क्‍या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीयों ने इम्युनिटी बूस्‍टर और विटामिन सप्‍लीमेंट पर कितने खर्च किए।

भारतीय नागरिकों ने पिछले 12 महीनों में 15 हजार करोड  रूपये खर्च किए हैं। इंडिया ऑर्गेनाईजेशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के डाटा से यह बात सामने आई है।

कोविड महामारी के दौरान जहां कई तरह की दवाईयों की बिक्री बढ़ी वहीं दोनों ही लहर में एक शब्द आमजन में प्रचलित हुआ और वो है इम्युनिटी। हर तरफ से यही आवाज आ रही थी कि कोरोना से बचाव के लिए इम्युनिटी स्ट्रांग होनी चाहिए। इसके चलते भारतीय नागरिकों ने पिछले 12 महीनें में फेवीपीराविर, रेमिडिसिविर और एजीथ्रोमाईसिन  दवाओं के अलावा एंटी-वायरल और एंटी बॉयोटिक्स दवाओं पर 15 हजार करोड़ रूपए खर्च किए।

इस साल खरीदी गई इम्युनिटी बूस्टर दवाओं की खरीदारी की तुलना पिछले साल की इस अवधि से करें तो इस बार ये पांच गुना रही। दवाईयों की बिक्री कोरोना या फिर दूसरी जरूरतों के लिए ज्यादा हुई है। ऑल इंडिया ऑर्गेनाईजेशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट का डाटा बताता है कि जून 2020-मई 2021 के समयंतराल में भारीयों ने 1220 करोड़ की एंटीवायरल और फेवीपीराविर,  833 करोड़ की रेमिडिसिविर  खरीदीं। एंटीबायोटिक एजीथ्रोमाइसिन के लिए 992 करोड़ खर्च किए गए जो कि 38 प्रतिशत ज्यादा रही। डॉक्सीसाइसिलीन की बिक्री तीन गुना होकर 85 करोड़ रूपये पर पहुंची। वहीं एंटी पैरास्टिक ड्रग आइवरमेकटिन की बिक्री 10 गुना बढ़ी और इसके लिए 237 करोड़ रूपए खर्च हुए।

इम्युनिटी बूस्टिंग, विटामिन ड्रग्स और मिनरल सप्लीमेंट की बिक्री 14,587 करोड़ रूपये रही जो कि पिछले साल से 20 प्रतिशत ज्यादा है। सिर्फ विटामिन डी की बिक्री का आंकड़ा 817 करोड़ रहा और ये 40 प्रतिशत ज्यादा रहा। इसी तरह जिंक सप्लीमेंट की बिक्री का आंकड़ा 183 करोड़ रहा।

ऑल इंडिया ऑर्गेनाईजेशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (AIOCD) का ये डाटा ड्रग्स स्टॉकिस्ट से लिया गया है इसमें दवाईयों की वो सप्लाई शामिल नहीं जो कंपनियां सीधे अस्पतालों या फिर दूसरे बड़े स्वास्थ्य संस्थानों को डायरेक्ट देती हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

IMA की शिकायत पर छत्तीसगढ़ में योग गुरु रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज