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ऑक्‍सफोर्ड भी हुआ ‘आत्‍मनिर्भर’, दिया ‘हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर’ का खि‍ताब

ऑक्‍सफोर्ड भी हुआ ‘आत्‍मनिर्भर’, दिया ‘हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर’ का खि‍ताब
, मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021 (17:15 IST)
जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस की त्रासदी की वजह से मंदी की मार झेल रही थी, ठीक उसी दौरान भारत में प्रधानमंत्री मोदी भारत की जनता को आत्‍मनिर्भर भारत बनने का सूत्र दे रहे थे। प्रधानमंत्री द्वारा इस्‍तेमाल किया गया यह शब्‍द बाद में इतना प्रचलन में आया कि हर किसी की जुबान से इसे सुना गया।

न सिर्फ हिंदुस्तान में बल्‍कि‍ पूरी दुनिया में इस शब्‍द की चर्चा हुई थी। हर तरफ आत्मनिर्भर शब्द का प्रयोग करते हुए लोगों को देखा गया। यही कारण रहा है कि अब Oxford ने इसे Hindi Word of the Year 2020 का तमगा दिया।

दरअसल, कोरोना काल में मोदी सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की शुरुआत की थी। इसका मकसद था देश को सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना। जिससे हम अपने ही देश में हर तरह के उत्‍पाद बनाए कि हमें ऐसे उत्‍पादों या वस्‍तुओं के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना पडे।

आपको बता दें कि ‘ऑक्सफोर्ड लैंग्वेज’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ को 2020 का हिंदी भाषा का शब्द घोषित किया है। यह शब्द भाषा विशेषज्ञ कृतिका अग्रवाल, पूनम निगम सहाय और इमोगन फॉक्सेल के एक सलाहकार पैनल ने चुना है।

‘ऑक्सफोर्ड हिंदी शब्द’ से यहां तत्पर्य ऐसे शब्द से है, जो पिछले साल के सामाजिक मनोदशा या स्थिति को प्रतिबिंबित करे और जो सांस्कृतिक महत्व के एक शब्द के रूप में लंबे समय तक बने रहने की क्षमता रखता हो।
‘आत्मनिर्भर’ शब्द का अर्थ है खुद पर निर्भर। इसका व्यापक तात्पर्य ये है कि कोई भी व्यक्ति जब अपने सामर्थ्य और अपनी शक्तियों पर भरोसा करके स्वयं पर निर्भर रहता है तो उसे ‘आत्मनिर्भर’ कहा जाता है।

इस अभि‍यान के तहत देश को इस योग्य बनाया जाना कि उसे किसी दूसरे देश के सहारे न रहना पड़े। संकटकाल में भारत अपनी दम पर संकटों का मुकाबला कर सके। यही इस अभियान को मुख्य उद्देश्य है। इसका एक बड़ा उदाहरण भारत का देश में ही कोविड-19 की वैक्सीन का निर्माण करना भी है।

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