हिंडनबर्ग के खुलासे पर भड़की AAP, सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी मोदी सरकार
hindenburg ने सेबी प्रमुख माधवी बुच पर लगाए थे गंभीर आरोप
hindenburg allegations on madhabi buch : अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच पर लगाए गए आरोपों पर देश की राजनीति गरमा गई। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी है। जानिए किसने क्या कहा?
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क्या सरकार को थी भनक : आप नेता संजय सिंह ने भी एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि हिंडनबर्ग खुलासे की भनक लग गई थी 3 दिन पहले मोदी ने संसद का सत्र समाप्त कर दिया। मोदी सरकार सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी है। अपने दोस्त अडाणी को बचाने के लिए मोदी जी ने उसी SEBI अध्यक्ष से जांच कराई जिसने अडाणी के साथ मिलकर घोटाला किया। SC अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
कांग्रेस ने केंद्र से अडाणी समूह की नियामक जांच में हितों के सभी टकराव को खत्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की मांग की। पार्टी ने कहा कि देश के सर्वोच्च अधिकारियों की मिलीभगत का समाधान केवल घोटाले की पूर्ण जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करके ही किया जा सकता है।
इस घटनाक्रम पर एक बयान में, कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि सेबी की अडाणी महाघोटाले की जांच करने में विचित्र अनिच्छा को खासकर सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति द्वारा लंबे समय से देखा जा रहा है।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोपों संबंधी हिंडनबर्ग की पोस्ट को टैग करते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, 'क्विस कस्टोडिएट इप्सोस कस्टोडेस (चौकीदार की चौकीदारी कौन करेगा?)।'
हिंडनबर्ग ने अडाणी पर अपनी पिछली रिपोर्ट के 18 महीने बाद एक ब्लॉगपोस्ट में आरोप लगाया कि सेबी ने अडाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है। शॉर्ट-सेलर ने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि सेबी की वर्तमान प्रमुख माधवी बुच और उनके पति के पास अदाणी धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए दोनों अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।
हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंड का इस्तेमाल धन की हेराफेरी करने और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था।
Edited by : Nrapendra Gupta