A 32 week pregnant woman was allowed to have an abortion : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 31 वर्षीय महिला को भ्रूण में गड़बड़ियों के कारण 32 सप्ताह से अधिक के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की अनुमति दे दी है।
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने गर्भवती महिला की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि गर्भावस्था जारी रखने से याचिकाकर्ता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को काफी खतरा हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले बच्चे के जन्म की आशंका है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों की रिपोर्ट के बाद न्यायाधीश ने निष्कर्ष निकाला कि गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देना याचिकाकर्ता और भ्रूण दोनों के सर्वोत्तम हित में है।
अदालत ने 13 जुलाई को पारित अपने आदेश में कहा, अदालत की राय में वर्तमान मामले में रोग की पहचान के लिए किए गए परीक्षण में स्पष्ट रूप से भ्रूण में पर्याप्त असामान्यता प्रतीत होती है, जिससे शारीरिक और मानसिक दिव्यांगता का पर्याप्त जोखिम है।
एक विवाहित महिला ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में भ्रूण में कुछ असामान्यताएं सामने आने के बाद अपनी गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति मांगी थी। एम्स के चिकित्सकों ने अदालत के आदेश के अनुसार महिला की जांच की और संबंधित रिपोर्ट से अदालत को अवगत कराया।
अदालत ने याचिकाकर्ता को अपनी पसंद की चिकित्सा सुविधा के तहत गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन कराने की अनुमति देते हुए कहा कि जिन चिकित्सकों ने मेडिकल बोर्ड के हिस्से के रूप में अपनी राय दी है, उन्हें इस याचिका से उत्पन्न होने वाले किसी भी मुकदमे की स्थिति में विशेष छूट प्राप्त होगी। (भाषा
Edited By : Chetan Gour