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‍विपक्ष के 49 और सांसद निलंबित, अब तक 140 से ज्यादा

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मंगलवार, 19 दिसंबर 2023 (12:55 IST)
Parliament security Breach: संसद की सुरक्षा में चूक मामले में मंगलवार को विपक्ष के 49 और सांसदों को निलंबि‍त कर दिया गया है। इसके साथ ही इस सत्र में निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है। विपक्ष संसद की सुरक्षा चूक मामले में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर अड़ा हुआ है। 
 
लोकसभा से आज जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें शशि थरूर, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, प्रतिभा सिंह, राजीव रंजन सिंह, सुप्रिया सुले, डिंपल यादव, दानिश अली, एसटी हसन, चंद्रेश्वर प्रसाद, माला राय समेत अन्य सांसद शामिल हैं। सोमवार को विपक्ष के 78 सांसदों को निलंबित किया गया था। 
 
लोकसभा में तख्तियां लेकर पहुंचे सांसद : लोकसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही शुरू हुई। अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी, लेकिन कुछ विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के निकट पहुंच गये। आसन के पास पहुंचने वाले प्रमुख सांसदों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला शामिल थे।
 
अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपनी-अपनी सीट पर जाने और कार्यवाही में हिस्सा लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह सदन आपका है और सदन को चलाने के लिए आपने एक व्यवस्था बनाई है। मेरा अनुरोध है कि आप मुद्दों पर चर्चा करें, लेकिन ये तख्तियां लेकर आना उचित नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि यह सदन नियम, परम्परा और परिपाटी से चलेगा और सभी सदस्यों ने तख्तियां न लाने को लेकर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि असहमति व्यक्त करना सदस्यों का अधिकार है, लेकिन आग्रह है कि वे मर्यादा का पालन करें। उन्होंने कहा कि सदस्यों को अंतिम चेतावनी दी जा रही है कि वे तख्तियां लेकर आसन के पास न आएं और अपनी-अपनी सीट पर जाएं।
 
राज्यसभा में नारेबाजी : राज्यसभा में सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और फिर शून्य काल आरंभ कराने की कोशिश की। इस दौरान कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले अपने-अपने मुद्दे उठाना चाह रहे थे। हालांकि सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी।
 
इस दौरान सदन में मौजूद कुछ विपक्षी सदस्य ‘गृह मंत्री सदन में आओ, सदन में आकर जवाब दो’ जैसे नारे लगा रहे थे। कुछ विपक्षी सदस्य अपने साथियों का निलंबन वापस लेने की भी मांग कर रहे थे। हंगामे और शोरगुल के बीच उन्होंने सदन को बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत कुल चार नोटिस मिले हैं जो स्वीकार किए जाने योग्य नहीं हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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