Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

मकर संक्रांति पर प्रयागराज में 39 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

devotees
, सोमवार, 16 जनवरी 2023 (11:14 IST)
फोटो:  ट्विटर
प्रयागराज में संगम तट पर आयोजित वार्षिक माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति पर रविवार को शाम चार बजे तक करीब 22 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। शनिवार को 14 लाख से अधिक लोगों ने  यहां संगम स्नान किया था। इस प्रकार से दो दिनों में कुल 36 लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया। इतने बडे स्तर पर सफल आयोजन के लिए सीएम योगी ने बधाई दी है।

रविवार को मकर संक्रांति पर शाम चार बजे तक करीब 22 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया। गंगा और संगम तट सभी 14 घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ भोर चार बजे से ही बनी रही। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व, प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर पांच लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया था।

माघ मेला के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं के सुगम स्नान के लिए इस वर्ष 14 घाट बनाए गए हैं जिनकी कुल लंबाई 6000 फुट से अधिक है। मेला क्षेत्र में सुगम आवागमन के लिए गंगा नदी पर पांच पांटून पुल बनाए गए हैं। माघ मेले में कुल 13 थाने और 38 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो पुलिस अधीक्षक, तीन अवर पुलिस अधीक्षक, नौ क्षेत्राधिकारी और 5,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। माघ मेले का अगला स्नान 21 जनवरी को मौनी अमावस्या, 26 जनवरी को बसंत पंचमी, पांच फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पड़ेगा जिसके साथ माघ मेला संपन्न होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि प्रयागराज में मकर संक्रांति के अवसर पर त्रिवेणी में स्नान का सौभाग्य पाने वाले पूज्य संतों व श्रद्धालुओं का अभिनंदन! संक्रांति के अवसर पर अब तक 39 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है। पर्व के सकुशल संपन्न होने की प्रशासन व प्रदेश वासियों को बधाई!

बता दें कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए चाकचौबंद व्यवस्था की गई थी। जिला प्रशासन ने व्यवस्था में अपनी पूरी ताकत झौंक दी थी। जिसके चलते यह आयोजन सफल हो सका।
edited by navin rangiyal

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Nepal Plane Crash में 68 लोगों की मौत, लेकिन सबसे दर्दनाक है विमान की पायलट अंजू की दास्तां