नई दिल्ली। केरल में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला सामने आने के बाद केन्द्र सरकार के भी कान खड़े हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी कर कहा है कि मंकीपॉक्स पीड़ित व्यक्ति की निगरानी की जाएगी और उसे 21 दिन तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। केरल के 5 जिलों में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। संक्रमित व्यक्ति यूएई की यात्रा करके भारत लौटा था।
केन्द्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार मंकीपॉक्स का संदिग्ध केस आने पर सैंपल को जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा जाएगा। केन्द्र सरकार के अनुसार अंतराष्ट्रीय यात्रियों को ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए जिनकी त्वचा या शरीर के दूसरे अंगों में घाव हों।
केन्द्र के गाइडलाइन के अनुसार यात्रियों को मृत या फिर जीवित जंगली जानवरों- चूहे, गिलहरी, बंदर आदि के संपर्क में आने से बचना चाहिए। जंगली जानवरों का मांस या फिर उनका मांस खाने से बचने की सलाह भी दी गई है।
केरल के 5 जिलों में अलर्ट : केरल सरकार ने मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए शुक्रवार को 5 जिलों में विशेष अलर्ट जारी किया है। इससे एक दिन पहले, केरल में इस दुर्लभ वायरस से संक्रमण का मामला सामने आया था। मंकीपॉक्स संक्रमण का देश में यह पहला मामला है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा कि पांच जिलों- तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा, अलप्पुझा और कोट्टायम में विशेष अलर्ट जारी किया गया है क्योंकि इन जिलों के लोगों ने संक्रमित व्यक्ति के साथ शारजाह-तिरुवनंतपुरम इंडिगो उड़ान में यात्रा की थी जो यहां 12 जुलाई को पहुंची थी। मंत्री ने कहा कि विमान में 164 यात्री और उड़ान दल के 6 सदस्य मौजूद थे।
बनेंगे आइसोलेशन सेंटर : उन्होंने कहा कि उक्त सभी जिलों में पृथक-वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के बगल की सीटों पर बैठने वाले 11 लोग उच्च जोखिम संपर्क सूची में हैं। इसके अलावा मरीज के माता-पिता, एक ऑटो चालक, एक टैक्सी चालक और एक निजी अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ प्रमुख संपर्क सूची में हैं।
जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि इस उड़ान में यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी जांच करवानी चाहिए और 21 दिन में संक्रमण के लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी सूचना देनी चाहिए। कई लोगों के फोन नंबर उपलब्ध नहीं हैं इसलिए पुलिस की सहायता से उनका पता लगाया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी उन लोगों के संपर्क में हैं, जिनके संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने का शक है और अगर उनमें बुखार या अन्य लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो उनकी कोविड-19 समेत अन्य जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर भी जांच की जाएगी।