पिछले दिनों हुई नकदी की किल्लत की खबर सुर्खियों में छाई रही। एक बार फिर नकदी की समस्या की खबरें आ रही हैं। खबरें ये भी हैं कि इस बार 100 रुपए के नोटों पर संकट के बादल हैं। खबरों के अनुसार बैंकर्स का कहना है कि 100 रुपए के ज्यादातर नोट बड़े आकार के कारण एटीएम में फिट होने लायक नहीं हैं। इसके अलावा कुछ नोट 2005 से भी पुराने हैं और कुछ बहुत ज्यादा मटमैले हो चुके हैं।
इन नोटों की सप्लाई भी 200 और 2000 रुपए के नोटों की तरह कम है। बैंकर्स ने आरबीआई से जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालने की मांग की है। बैंकर्स के मुताबिक अगर 100 रुपए के नए नोट बाजार में नहीं आते तो इससे 500 रुपए के नोट पर दबाव बढ़ेगा। इससे 500 रुपए के नोट की जमाखोरी बढ़ सकती है। आरबीआई ने नोटबंदी के बाद 100 के नोटों की आपूर्ति बढ़ाई थी।
मगर यह पर्याप्त नहीं था, क्योंकि 2000 रुपए के नोट आने के बाद से 100 के नोट इसके छुट्टे के रूप में ज्यादा इस्तेमाल हुए। उस समय 500 रुपये के नोटों की सप्लाई काफी कम थी। 100 रुपए के नोट नोटबंदी से पहले जहां 550 करोड़ नोट चलन में थे, जिन्हें बाद में बढ़ाकर 573.8 करोड़ नोट कर दिया गया था। एक बात यह भी है कि नोटबंदी के समय नोटों की कमी से निपटने के लिए मटमैले नोटों का भी प्रयोग किया गया था।
ये नोट अब भी चलन में हैं और इनकी हालत ज्यादा खराब है। बैंकों के लिए इन्हें संभालना भारी हो रहा है, क्योंकि इन्हें बाजार में जारी करना और एटीएम में डालना मुश्किल है। हालांकि नकदी की समस्या को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ने 500 रुपए के नोटों की छपाई को बढ़ा दिया है।