22 जुलाई 2019 को सावन सोमवार के साथ मरुस्थली नाग पंचमी है। 5 अगस्त को देशाचारी नागपंचमी और सावन सोमवार है, जबकि 12 अगस्त को सोमप्रदोष और सावन सोमवार का योग बना है। 70 साल बाद सावन का सोमवार और शिव के प्रिय की नाग पंचमी एक साथ है यह काल सर्प योग निवारण का श्रेष्ठ समय है।
इस बार सावन माह तिथियों की घटबढ़ रहेगी। यानी एक तिथि दो दिन तक मनाई जाएगी और एक तिथि का क्षय रहेगा। तिथियों के कम-ज्यादा होने के बावजूद भी इस बार सावन का महीना पूरे 30 दिन का ही रहेगा। 17 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है और 15 अगस्त के दिन रक्षाबंधन पर इसका समापन होगा। इस साल सावन माह के चारों सोमवार पर विशेष योग बन रहा है।
सावन माह में सोमवार का विशेष महत्व होता है। सोमवार शिव का प्रिय दिन है। सावन में कुल चार सोमवार आ रहे हैं, 22 जुलाई, 29 जुलाई, 5 अगस्त और 12 अगस्त।
29 जुलाई को सावन सोमवार को सोमप्रदोष और स्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग बन रहा है। सावन मास में खंड वर्षा होने के योग बन रहे हैं। इस वर्ष का मेघे शनि होने के कारण रुक रुक कर बरसात होगी। इसके तहत पहले और दूसरे सावन के सोमवार को शहर में हल्की बारिश के योग भी बन रहे हैं।
वैसे तो सावन के सोमवार को नाग पंचमी 20 वर्ष पूर्व आ चुकी है, लेकिन कृष्ण पक्ष की पंचमी और सावन का सोमवार 70 साल बाद लग रहे हैं।
सावन के सोमवार में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब नागपंचमी और सावन का सोमवार एक ही दिन आएंगे। इस दिन शिव और उनके गले में लिपटे रहने वाले नागदेव दोनों की पूजा होगी। यह दिन काल सर्प योग की पूजा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा। सावन मास 17 जुलाई से आरंभ हो गया है और कई शुभ योगों के साथ शिव आराधना का पवित्र मास चल रहा है जो 15 अगस्त तक रहेगा।