यह कॉलम विशेष रूप से आपके लिए है। यहां आप जान सकते हैं महिलाओं/ युवतियों/बच्चियों से जुड़े हर तरह की समस्याओं के विशेषज्ञ द्वारा बताए संतोषजनक समाधान। मनोवैज्ञानिक उलझनें, बनते-बिगड़ते रिश्तों के सवालों का जवाब, सामाजिक-पारिवारिक परेशानियों का निराकरण.... यहां आप पूछ सकते हैं अपने मन के वह सवाल जो आप किसी और से नहीं पूछ सकते।
परी : प्यार या पढ़ाई किसे आगे बढ़ाऊं
मैं कक्षा 12वीं की छात्रा हूं। मैं अपनी क्लास के एक लड़के से प्यार करती हूं, वह भी मुझे चाहता है मगर मैं चाहती हूं कि इस रिश्ते का असर मेरी पढ़ाई पर ना पड़े। क्या यह संभव है? क्या मुझे अपने प्यार को आगे बढ़ाना चाहिए या प्यार को छोड़ कर पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए?
उत्तर : प्यार खूबसूरत अनुभूति है। इस उम्र में अक्सर इस तरह का आकर्षण संभव है। खुशी की बात यह है कि आप समझदार भी हैं और दिमाग से भी काम ले रहीं हैं। अगर आप चाहती हैं कि प्यार का असर पढ़ाई पर ना पड़ें तो आपको अपने आप से यह वादा करना होगा कि करियर की सही दिशा चुन लेने तक आप अपनी मर्यादाओं को नहीं तोड़ेंगे। आपने कहा कि आपका साथी आपकी कक्षा में है जाहिर है उनकी उम्र भी अधिक नहीं है। यह समय आपके दोनों के सुनहरे भविष्य की राह तय करने का है। एक बार यह चला गया तो लौटकर नहीं आएगा अत: मेरी सलाह है कि आप पहले यह देखें कि दोनों एक दूसरे को लेकर कितने गंभीर हैं। अगर प्यार की गंभीरता दोनों तरफ है तो दोनों परिवार को विश्वास में लेकर सारी बातें स्पष्ट करें। पहले बेहतर जीवन की राह चुनें। प्यार सच्चा होगा तो हर परिस्थिति में साथ बना रहेगा।
अंशिका : अपनी दोस्त को ना खो दूं
मेरी उम्र 23 साल है। मैं जिसे चाहती हूं वह मेरी सहेली का भाई है। मैं अपनी बात कहने में डरती हूं कि कहीं मैं अपनी दोस्त को ना खो दूं।
उत्तर : अगर आपकी दोस्त का भाई भी आपको चाहता है तो परेशान होने की कोई बात नहीं। आप यह कर सकती हैं कि अपनी सहेली और उसके भाई के साथ किसी रेस्टोरेंट में जाकर अपनी बात को हल्के-फुल्के अंदाज में रखने की कोशिश करें। लेकिन याद रखें कि बात को सरल और सीधे रूप में कहें। अनावश्यक भूमिका में उलझा कर नहीं। अगर दोस्त को आपकी बात पसंद ना आए तो तनाव में ना आए। धैर्य रखें। उसके गुस्से का सम्मान करें। बहनें अक्सर अपने भाई को लेकर पजेसिव होती हैं। उनकी यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। वैसे बदलते जमाने की बहनें सपोर्ट भी करती हैं। शांत दिमाग से समझाने की कोशिश करें। अगर आपकी भावनाएं सच्ची हैं तो आपकी बातों का असर होगा और परिस्थितियां आपके पक्ष में होगी। हो सकता है अपनी सहेली को जीवन भर के लिए रिश्ते में पाकर वह खुश हो।
शबनम : व्हॉट्सएप संदेशों से परेशान हूं...
मैं एक प्रायवेट कंपनी में काम करती हूं। मेरे साथ काम करने वाले एक कर्मचारी के व्हॉट्सएप संदेशों से परेशान हूं। हालांकि अभी तक उसके संदेश मर्यादा में ही हैं लेकिन लगातार जवाब देने में मुझे झुंझलाहट होती है। मैं उसे ब्लॉक भी नहीं करना चाहती और संबध भी बिगाड़ना नहीं चाहती। मैं क्या करूं कि बात भी ना बिगड़े और उसे समझ में भी आ जाए?
उत्तर : यह आजकल आम समस्या है। आप सहकर्मी से स्पष्ट शब्दों में कहें कि काम के समय आपको मोबाइल का प्रयोग पसंद नहीं है। बातचीत का लहजा संतुलित रखते हुए आप उसे यह दर्शा सकती हैं कि उसके मैसेज से आपको परेशानी हो रही है। आप उसे हल्के-फुल्के अंदाज में ब्लॉक करने की बात भी कह सकती हैं। अगर फिर भी वह संदेश भेजना कम या बंद ना करें तो तत्काल ब्लॉक करें लेकिन ब्लॉक करने से पहले उसे यह अवश्य बताएं कि उसके लगातार आ रहे मैसेज की वजह से आप उसे ब्लॉक कर रही हैं। वैसे अगर आप लगातार मैसेज का जवाब नहीं देंगी तो भी उसे समझ में आ जाएगा कि आपका उसके मैसेज में कोई इंट्रेस्ट नहीं है।
चीना मिश्रा : किसी काम में मन नहीं लगता
मैं 18 वर्ष की हूं। मेरा किसी काम में मन नहीं लगता। कुछ भी याद करती हूं तो याद नहीं रहता। मुझे सिर्फ पार्टी पसंद है। घुमना-फिरना और मस्ती करना अच्छा लगता है। क्या मैं अपनी आदतें बदल सकती हूं?
उत्तर : बेशक, आप अपनी आदतें बदल सकती हैं। अभी आपको मस्ती करना अच्छा लग रहा है लेकिन जब आपके सारे दोस्त मेहनत कर के आगे बढ़ जाएंगे तब आपको पछतावा होगा। बाद में पछताने से बेहतर है कि अभी संभल जाएं। घुमना-फिरना, पार्टी करना बुरी बात नहीं है लेकिन किसी भी बात की अति बुरी होती है। आप अपनी आदतें बदलना चाहती हैं यानी आप भी जानती हैं कि आपकी आदतें अच्छी नहीं है। थोड़ा सा मेडिटेशन करें। अपने आप पर कंट्रोल करें। दिन भर में कोई एक काम ऐसा करें जिससे दूसरों को फायदा मिलें। सामाजिक कार्यों में भाग लें।
अनन्या गुप्ता : खाना बनाना नहीं जानती
मेरी शादी होने वाली है। लेकिन मैं खाना बनाना नहीं जानती। लेकिन मुझे किताबें पढ़ना पसंद है। क्या इससे मुझे लाइफ में प्रॉब्लम होगी?
उत्तर : यह निर्भर करता है कि आपको कैसा परिवार मिलने वाला है। आप अपने मंगेतर से इस बारे में बात कर सकती हैं कि आपकी दिलचस्पी खाना बनाने से ज्यादा किताबें पढ़ने में है। यह सारी बातें शादी से पहले करने में भलाई है क्योंकि बाद में नई बहू की आदतें चर्चा का विषय बनती है जो आपको पसंद नहीं आएगी। वैसे अपनी जरुरत का सारा काम हमें आना चाहिए इसमें कोई बुराई नहीं है। अगर आप ऐसे परिवार में जा रही हैं जहां हर तरह की सुख सुविधा है तो परेशानी नहीं होगी पर आपको इस संबंध में अपने साथी से बात कर लेना चाहिए।
अगर आप भी किसी भावनात्मक, सामाजिक, पारिवारिक, मनोवैज्ञानिक परेशानी में हैं तो हमें अपनी समस्या भेज सकते हैं। हम यहां अपने एक्सपर्ट की सलाह से आपको समाधान देने की कोशिश करेंगे। आपको वेबदुनिया की यह पहल कैसी लगी, अवश्य बताएं। यह कॉलम विशेष रूप से हर वर्ग-हर उम्र की युवतियों-महिलाओं के लिए है।
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