Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

motivational : क्या आपके ऑफिस में हैं नवदुर्गा जैसे नौ रूप?

motivational : क्या आपके ऑफिस में हैं नवदुर्गा जैसे नौ रूप?
webdunia

अनन्या मिश्रा

नवरात्रि पर मिलें ऑफिस के नव-व्यक्तित्वों से....
 
नवरात्रि आ गई है और हम सभी मां दुर्गा के नौ अवतारों से भेंट करने के लिए तत्पर हैं। हालाँकि कुछ ऐसे व्यक्तित्व भी हैं जो हमें हर रोज़ मिलते हैं, विशेष तौर पर अपने-अपने ऑफिस में-जिनके भाव हमारी दुर्गा मां के ही समान हैं। मैंने हाल ही में इनके बारे में पढ़ा, और अपने ऑफिस में भी ऐसे लोगों को तुरंत पहचान गई। आइए, मिलवाती हूं अपने ऑफिस के इन्हीं विशेषताओं वाले नौ लोगों से-जो हर विभाग में हैं, जिनका आयुवर्ग भी भिन्न है और अगर आप जानते हैं तो समझ भी जाएंगे कि इस सूची में सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी हैं! 
 
रक्षक: दुर्गा पूजा के पहले दिन, देवी दुर्गा के शैलपुत्री को पूजा जाता है। ये पर्वत की शक्ति का प्रतीक हैं। ऑफिस में ये ऊर्जा और शक्ति से भरे हुए हैं, किन्तु फिर भी हमेशा सरल, स्नेहपूर्ण व्यवहार करते हैं और हमेशा साधारण और सहज होते हैं। ये रक्षक भी हैं और अक्सर इन्हें बड़े कार्यक्रमों के दौरान सभी फैले हुए रायते समेटते हुए देखा जाता है। इन्हें सभी पसंद भी करते हैं और इनका सभी आदर भी करते हैं।
 
मृदुभाषी: दुर्गा मां के ब्रह्मचारिणी अवतार के सामान ही ऑफिस में ये इतने मृदुभाषी हैं, और अपने मूल्यों पर अडिग हैं। तर्कों के बगैर असहमति को बेहद शांति से प्रबंधित करते हैं और आप समझ भी नहीं पाएंगे उसके पहले सही निर्णय ले लेंगे। निष्पक्ष भाव से विचार करना और रचनात्मकता इन्हें ख़ास बनाती है। 
 
साहसी: समाधान-उन्मुख, बहादुर, साहसी। ये निश्चित ही शायद आपके ऑफिस में बहुत कम संख्या में हैं, लेकिन जितने हैं, वो हमें बेवजह कूटनीति फ़ैलाने वाले असुरों से बचाते हैं। ये देवी चंद्रघंटा के समान हमारी  समस्या का समाधान फटाफट खोज देते हैं। फिर चाहे इनके पास कुर्सी का बल हो या न हो। ये ऐसे सेनानी हैं जो अक्सर मेहनती लोगों के पक्ष में रहते हैं और सच का साथ देने के लिए अपने से ऊपर वाले से भी युद्ध कर लेंगे। 
 
उत्साही: नवरात्रि उत्सव के चौथे दिन, दुर्गा के कुष्मांडा अवतार की पूजा की जाती है, जो ब्रह्मांड में प्रकाश लाता है। कार्यस्थल पर ये व्यक्ति हमेशा अंधेरे में चमकती रोशनी लाते हैं और नए विचारों से सभी में उत्साह का प्रसाद परोस देते हैं। किसी प्रोजेक्ट में अटके हो, तो इनके पास उसे पूरा करने का नया तरीका होगा। कोई बड़ा कार्यक्रम बोरियत अनुभव करा रहा है, तो ये उसमें कुछ रचनात्मकता जोड़ देंगे। सभी फॉर्मल-इनफॉर्मल प्रोग्राम में जान डालने वाले यही होते हैं, और अक्सर सभी कार्यक्रमों की बागडोर अंत में इन्हीं को थमा दी जाती है। 
 
संवेदनशील: स्कंदमाता शक्ति का प्रतीक हैं। न केवल शारीरिक या मानसिक शक्ति बल्कि भावनात्मक शक्ति भी। ऑफिस में भले ही कितनी भी मेंटल हेल्थ, इमोशनल हेल्थ, सभी एक परिवार हैं, हम सभी को सभी की परवाह है जैसी कथित मान्यता हो, लेकिन सत्य तो यह है कई बार हमें समझने वाला कोई नहीं होता क्योंकि सब प्रोफेशनलिज्म की चादर ओढ़े रैंप वॉक करते हैं। खैर, सामाजिक प्राणी होने के नाते, हम अपनी क्षमता तभी पहचान पाते हैं जब वातावरण अनुकूल और सकारात्मक हो। ऐसे में कुछ ऐसे लोग भी मिलते हैं जो हमें प्रेरित करने और कठिन समय में हमारी बात सुनने और उचित सलाह देने के लिए सदैव उपस्थित होते हैं – चाहे हमारे विभाग में हों या न हो, चाहे ऑफिस में हों या छुट्टी पर।
 
शांत: ये दिखने में साधारण हैं। रहन-सहन मामूली है। कोई आडम्बर नहीं और वाणी पर असीम नियंत्रण। लेकिन ये वे होशियार और शक्तिशाली स्वरुप हैं जो अपनों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। खासतौर पर तब जब उनके लोगों को बचाव की ज़रूरत हो। ये उग्र गुण देवी कात्यायनी में देखे जा सकते हैं। ये मल्टीटॉस्कर हैं, अपने ऑफिस में शांति से काम करेंगे, लेकिन किसी हाल में किसी के भी साथ गलत नहीं होने देंगे। इनके पास अक्सर लोग अपनी समस्याएं ले कर जाते हैं, क्योंकि इनकी पहुँच शायद ऊपर तक है। लेकिन ये अपने स्तर पर ही सब समाधान खोजने में सक्षम होते हैं।
 
चुनौतीप्रेमी: कालरात्रि के ही समान साहसी ये व्यक्तित्व कलाकार हैं और उन परियोजनाओं को भी पूरा करने में अपना सम्पूर्ण समर्पण देते हैं जो उनकी प्रोफाइल के लिए बहुत जोखिम भरा हैं। असफलताओं से ये निराश नहीं होते, क्योंकि वे आश्वस्त हैं कि वे क्या करते हैं, क्यों करते हैं और कैसे करते हैं। ये जरूरतमंद सहयोगियों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
 
आशावादी: महागौरी सकारात्मकता प्रतिबिंबित करती हैं। जब कुछ समझ नहीं आता, तब इन्हीं गुणों वाले व्यक्तित्व न केवल इन स्थितियों को बदलने में मदद करते हैं बल्कि आदर्श सहकर्मी सिद्ध होते हैं जिन्हें आप कार्यस्थल पर आशा की एक उज्ज्वल किरण उत्पन्न करते हैं। ये ज्ञान के भंडार हैं और हमेशा सत्य का ही साथ देते हैं।
 
स्नेहिल: देवी सिद्धिदात्री को अलौकिक उपचार शक्तियों के लिए जाना जाता है। वह सभी को आशीर्वाद देती हैं और 26 अलग-अलग इच्छाओं (सिद्धियों) की धारक हैं। ऑफिस में यह वह है जो हमेशा शांत सुखदायक प्रभाव परिलक्षित करते हैं, हमें अलग-अलग दृष्टिकोण के ज़रिए सबसे विश्वसनीय समाधान देते हैं। ये बहुत आध्यात्मिक हैं और इनकी आभा और उनके सुखदायक शब्द सभी सहकर्मियों को उपचारात्मक स्पर्श प्रदान करते हैं। तो, आपके ऑफिस में हैं क्या ये नौ रूप? 
webdunia
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

अग्रसेन जयंती कब है?