Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

इतना दूर मत जाना कि मैं तुम्‍हें देखूं तो तुम यह देख ही न पाओ कि मैं तुम्‍हें देख रहा हूं

नवीन रांगियाल
मृत्‍यु दुनि‍या का सबसे आदि‍‍म सत्‍य है। लेकि‍न हम कभी भी इसके अभ्‍यस्‍त नहीं हो सके। यह हर बार हमें अचंभित करती है। चौंका देती है हर बार। अचंभा, मृत्‍यु की देह है, उसका जैस्‍चर है।

दुनि‍या पहले से ही बहुत उदास थी। चुप्‍प और हैरान भी। यहां इतना अचंभा काफी था और उदासी भी। इस उदासी में दुनि‍या में कहीं इतनी जगह नहीं थी, कि जहां तुम्‍हारे वि‍लाप और दुख को रखकर उसके गीत गाएं। इतनी जगह नहीं थी कि तुम्‍हारी नि‍स्‍तेज औेर ठंडी देह को आंखों में रखें और उस पर फूल चढाएं। इतनी जगह नहीं थी मन में कि तुम्‍हारी कब्र पर गुलदस्‍ते रखने आए।

दुनि‍या की इस सबसे बड़ी सनसनी में भी तुम्‍हारी मौत मकबूलनहीं है इरफान खान।

इस त्रासदी में अब तक हमने बहुत सारी मौतें देखी हैं। धीमे-धीमे हम उसे देखने के आदी हो ही रहे थे। अभी-अभी लगने लगा था, यह उम्‍मीद थी कि दुनिया में त्रासदि‍यों की यह आखि‍री हद होगी। यह दुख का अंति‍म छोर होगा शायद।

कोई मृत्‍यु हमें हैरान नहीं करेगी अब, लेकिन तुमने फि‍र से उसी सि‍रे पर लाकर खड़ा कर दि‍या, जहां मृत्‍यु सबसे ज्यादा भयभीत करती है। जहां जिंदगी बहुत कातर नजर आती है। जहां मृत्‍यु का दुख सि‍र्फ दुख होता है। वो सिर्फ एक कसक होता है या कोई अ-ज्ञात भाव जि‍सकी कोई भाषा नहीं, कोई हरकत नहीं।

दरअसल, किसी मनुष्‍य की देह से कोई कला जुडी- चि‍पकी हो तो उस मनुष्‍य की मृत्‍यु ठीक इसी तरह से दुख पहुंचाती है। क्‍योंकि हम उस मनुष्‍य को उसकी कला के मार्फत प्रेम करते रहे हैं। वर्ना तो आध्‍यात्‍म यह कहता रहा है कि तुम सिर्फ एक देह थे, जो इस दुनि‍या में हो रही हजारों-लाखों मौतों के बीच धीमें से बीत गए। किसी अ-ज्ञात आसमान में फना होकर गुम हो गए।

तुम कलाकार थे। इसलि‍ए तुम एक देह और उसकी कला के तौर पर भी दुख पहुंचा गए। 70 एमएम के एक स्‍टेज के दुर्भाग्‍य और उसके खालीपन का प्रतीक बन गए।

तुम्‍हारी मौत के बहाने हम मंच के उस दुर्भाग्‍य पर शोक जताएंगे। उसके खालीपन को रोएंगे।

लेकिन तुम्‍हें अपने प्रारब्‍ध की भूमि‍का भी नि‍भाना थी। तुम्‍हें तय वक्‍त पर वहां हाजि‍री देना थी, जहां जाने के लिए इस दुनिया में एक लंबी और कभी न खत्‍म होने वाली कतार लगी हुई है। एक रैंडम कतार। एक गेम, जि‍सका हिस्‍सा हम सब हैं, लेकिन हम में से किसी को पता नहीं कि कब कोई हाथ हमें छुएगा और हम कुछ गैर-जरुरी सामान के साथ कुछ ही क्षण में एक निस्‍तेज और ठंडी देह में तब्‍दील हो जाएंगे।

लेकिन कलाकार सच्‍चा और ईमानदार होता है। उसे पता होता है कि उसे कब मंच पर आना है और कब जाना है। ठीक तुम्‍हारी तरह। शायद इसलि‍ए ही तुमने एक बार लिखा था- मुझे यकीन है कि मैं हार चुका हूं।

फि‍र भी, मेरे प्रि‍य कलाकार, इतना दूर मत जाना कि मैं तुम्‍हें देखूं तो तुम यह देख ही न पाओ कि मैं तुम्‍हें देख रहा हूं।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

एक खोया हुआ ख़ज़ाना जिसने लाओस में भारतीय संस्कृति उजागर कर दी

Diwali Recipes : दिवाली स्नैक्स (दीपावली की 3 चटपटी नमकीन रेसिपी)

फेस्टिव दीपावली साड़ी लुक : इस दिवाली कैसे पाएं एथनिक और एलिगेंट लुक

दीवाली का नाश्ता : बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए ये आसान और मजेदार स्नैक्स

Diwali 2024: दिवाली फेस्टिवल पर बनाएं ये खास 3 नमकीन, जरूर ट्राई करें रेसिपी

આગળનો લેખ
Show comments