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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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‘दंगों के दंश’ के बीच भाईचारे और सौहार्द की ‘उम्मीद भरी’ कहानियां

‘दंगों के दंश’ के बीच भाईचारे और सौहार्द की ‘उम्मीद भरी’ कहानियां
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नवीन रांगियाल

दिल्‍ली में दंगों के बाद सोशल मीडिया और न्‍यूज चैनल्‍स मारकाट, क्रूरता और अमानवीय खबरों से भर गया है। दंगे के बाद फोटो और वीडियो में बेहद ही वीभत्‍स कर देने वाले दृश्‍य सामने आ रहे हैं।

अब तक करीब 36 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, वहीं 200 से ज्‍यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। लेकिन इन सब के बीच भी दिल्‍ली के ही कुछ इलाकों से हिंदू-मुस्‍लिम भाईचारे की उम्‍मीद भरी तस्‍वीरें सामने आ रही हैं।

जब बुजुर्ग मुस्‍लिम को हिंदू भीड ने बचाया
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे एकता और भाईचारे का पैगाम बताया जा रहा है, दरअसल, इस वीडियो में दिल्‍ली का एक मुस्‍लिम बुजुर्ग उपद्रवियों की भीड में फंस जाता है, लेकिन कुछ हिंदू भाई उसे भीड से एक तरफ सुरक्षित निकालते दिख रहे हैं।

डरे हिंदू परिवार को मुस्‍लिम का सहारा
सकारात्‍मक पहलू की एक और खबर यह बताती है कि दिल्‍ली के एक इलाके में एक हिंदू परिवार बुरी तरह से दहशत में है। लेकिन कुछ मुस्‍लिम लोग उन्‍हें यह आश्‍वासन दे रहे हैं कि डरने की बात नहीं। उन्‍हें कुछ नहीं होगा।

मुस्‍लिम को बचाने में झुलस गया हिंदू
दिल्‍ली में ही प्रेमकांत बघेल ने अपने मुस्लिम पड़ोसी का जलता हुआ घर देखा और पड़ोसियों को बचाने चले गए। जान की बाजी लगा दी। प्रेमकांत ने मीडिया को बताया कि शिव विहार में हिंदू-मुस्लिम एक साथ बहुत सौहार्द के साथ रहते हैं। लेकिन दंगे के बाद स्थिति बहुत खराब हो गई है। पेट्रोल बम से लोगों के घर जलाए जा रहे थे। इसी बीच उनके एक मुस्लिम पड़ोसी के घर में दंगाइयों ने आग लगा दी।

40 मुस्‍लिमों को बचाया हिंदुओं ने
नफरत के बीच हिंदू-मुस्लिम एकता की एक तस्वीरें यह भी है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अशोक नगर में करीब 40 मुस्लिमों के लिए उनके हिंदू पड़ोसी सहारा बने हैं। जब भीड़ ने इनके घर फूंक दिए तो जान बचाकर भागे लोगों के लिए इन हिंदुओं ने अपने घर के दरवाजे खोल दिए। उस दिन दोपहर में करीब 1 हजार लोगों की भीड़ बड़ी मस्जिद के निकट कॉलोनी में घुस गई, जहां करीब 20 लोग प्रार्थना कर रहे थे, उन्‍हें हिंदुओं ने बचाया।

उन्‍हें मारना है तो हमारी लाश से गुजरो
यह वाकया भागीरथी विहार की गली नंबर-4 का है। मुस्तफाबाद रोड पर बसे इस इलाके में कई हिंदू परिवार रहते हैं। रहवासी सुनील जैन ने मीडिया को बताया कि सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने गली में घुसने की कोशिश की। हम खौफ में थे। तभी गली के रहनेवाले हासिम, डॉक्टर फरीद और इरफान सहित कई और मुस्लिम ढाल बनकर गली के मेन गेट पर खड़े हो गए। उन्होंने उपद्रवियों से कहा, इस गली में रहनेवाले हिंदुओं तक पहुंचने के लिए उन्हें उनकी लाश से गुजरना होगा।

दोनों समुदायों ने बचाई 50 दुकानें
मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन से चंद कदम दूर कर्दमपुरी-कबीर नगर के सामने विजय पार्क इलाके में यहां मंगलवार को जमकर पथराव हुआ और गोलियां चलीं। यहां हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिली। यहां रहने वाले करीम चौधरी ने मीडिया को जानकारी दी कि मंगलवार सुबह 11:30 बजे अचानक मौजपुर और कबीर नगर की तरफ से लोगों का हुजूम आने लगा। दोनों ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गई। उपद्रवियों ने प्रॉपर्टी को निशाना बनाना शुरू कर दिया। यहांदोनों समुदायों की थी दुकानें थीं। लेकिन वक्‍त रहते दोनों समुदायों के लोगों ने भीड को खदेड दिया और करीब 50 दुकानें खाक होने से बचा ली। 

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