Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

नहीं जल रहे हैं रावण, सीता की अग्नि-परीक्षा जारी है

स्मृति आदित्य
दशहरा यानी विजय पर्व। दशहरा यानी न्याय और नैतिकता का पर्व। दशहरा यानी सत्य और शक्ति का पर्व। भगवान श्रीराम ने इस दिन राक्षसराज रावण का वध किया था। तब ही से प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप से रावण का दहन किया जाता है। यह पर्व हमें संदेश देता है कि अन्याय और अनैतिकता का दमन हर रूप में सुनिश्चित है। चाहे दुनिया भर की शक्ति और सिद्धियों से आप संपन्न हों लेकिन सामाजिक गरिमा के विरूद्ध किए गए आचरण से आपका विनाश तय है।
 
भगवान राम ने अवतार धारण किया था। मानव जीवन के हर सुख-दुख को उन्होंने आत्मसात किया था। जब वे  अवतार होकर जीवन-संघर्ष से नहीं बच सकें तो हम सामान्य मनुष्य भला इन विषमताओं से कैसे बच सकते हैं? श्रीराम का संपूर्ण जीवन हमें आदर्श और मर्यादा की सीख देता है। हर मनुष्य के जीवन में कष्ट और खुशी आते हैं। लेकिन उनसे निराश होकर जीवन को समाप्त कर लेना समझदारी नहीं है। अपितु जीवन को ईश्वरीय प्रसाद समझ कर कृतज्ञ भाव से जीना ही मानव जीवन की सार्थकता है। 
 
भारतीय संस्कृति में त्योहारों की रंगीन श्रृंखला गुंथी हुई है। हर त्योहार में जीवन को राह दिखाता संदेश और लोक-कथा निहित है। हम उत्सवप्रिय लोग त्योहार तो धूमधाम से मनाते हैं लेकिन भूल जाते हैं उनमें छुपे संदेश को समझना और जीवन जीने की कला सिखाती लोक-कथा को वरण करना। अगर हम अपनी ही संस्कृति को गहनता से जान लें। उसे आत्मसात कर लें तो कहीं और से, किसी और की आचरण-संहिता की आवश्यकता ही ना रहे। 
 
दुख का विषय है कि आज की 'फास्ट फूड' कल्चर की 'नूडल्स' पीढ़ी के लिए त्योहार भी मात्र मनोरंजन का साधन रह गए हैं। पर्व उन्हें संस्कृति के प्रति गहरा स्नेह और सम्मान भाव नहीं देते बल्कि 'पिज्जा' और 'बर्गर' की तरह आकर्षित करते हैं। जिसे जितनी जल्दी और जितना ज्यादा खाया जा सकें उतना बेहतर! 
 
यही वजह है कि आस्था और पवित्रता से सराबोर रहने वाले गरबा-पंडालों में रोशनी और फूलों के स्थान पर गुटखे और सनी लियोनी के होर्डिंग्स सजे हुए हैं। आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं ये आयोजक हमारी युवा पीढ़ी को? कहीं कोई बंधन नहीं, कहीं कोई गरिमा नहीं। कोई शर्म, कोई सम्मान नहीं? गुजरात के आंकड़े गिनाना अब पुरानी बात हो गई। अब यह आंकड़े छोटे शहर से होते हुए गली-मोहल्लों तक आ पहुंचे हैं। 
 
और विडंबना देखिए कि इन नौ दिनों के बाद आने वाले दशहरे की कथा यह है कि देवी सीता ने अपने पवित्र अस्तित्व को रावण जैसे परम शक्तिशाली व्यक्ति से मात्र एक तिनके और दृढ़ चरित्र के माध्यम से बचाए रखा। भगवान राम ने दुराचारी रावण का अंत किया और पुन: सीता को प्राप्त किया। कितना तेज और सती बल होगा उस नारी में जिसने अपने स्त्रीत्व की रक्षा इतने आत्मविश्वास से की होगी? 
 
हम क्या दे रहे हैं आज की अनभिज्ञ पीढ़ी को? हमने रामायण के 'भव्य' धारावाहिक तो टेलीविजन पर परोस दिए लेकिन उन पावन कथाओं में वर्णित ओजस्वी भाव और संकल्प शक्ति क्यों नहीं पहुंचा पाए उन तक? लगभर हर चैनल पर धार्मिक धारावाहिकों के नकली देवी-देवता रटे-रटाए संवाद बोलते दिखाई दे जाएंगे लेकिन उनके आदर्श आचरण में परिणित कहां हो पाते हैं? 
 
हम चाहे कितने ही रावण जला लें लेकिन हर कोने में कुसंस्कार और अमर्यादा के विराट रावण रोज पनप रहे हैं। जिस देश की मंत्री निर्मला सीतारामन है वहां कितनी ही 'सीताएं' पीटी जा रही है। सीता नामधारी सरेआम उठाई जा रही है और  हालिया खबर है कि उत्तरप्रदेश के सीतापुर में किसी के द्वारा एक ऐसे ही किसी पौराणिक नाम वाली स्त्री बलात्कार का शिकार हो गई है। 
 
संस्कृति के तमाम ठेकेदार रावणों के खेमें में पार्टियां आयोजित करते नजर आते हैं। आज देश में कहां जलता है असली रावण? दहेज के लिए या फिर तेजाब से जलती है यहां रोज सिर्फ मासूम सीताएं। हर दिन अग्नि परीक्षा दे रही है सीता। 
 
जब तक सही 'रावण' को पहचान कर सही 'समय' पर जलाया नहीं जाता, कैसे सार्थक होगा, शक्ति पूजा के नौ दिनों के बाद आया यह दसवां दिन जिस पर मां सीता की अस्मिता जीती थीं। भगवान राम की दृढ़ मर्यादा जीती थीं। कब जलेंगें इस देश में असली रावण और कब जीतेगीं हर 'सीता' ? कब तक जलेंगे रावण के नकली पुतले, कब बंद होगा दहेज और 'इज्जत' के नाम पर कोमल 'सीताओं' का दहन? 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

जीवन की ऊर्जा का मूल प्रवाह है आहार

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डाक्टर्स और एक्सपर्ट

इतना चटपटा चुटकुला आपने कभी नहीं पढ़ा होगा: इरादे बुलंद होने चाहिए

આગળનો લેખ
Show comments