भोपाल। मध्यप्रदेश में अब जब चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई, तो अब टिकटों को लेकर भी पार्टियों में महामंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस और भाजपा में सोमवार से टिकट को फाइनल करने के लिए बैठकों का बड़ा दौर शुरू हो रहा है। सूबे में 15 साल का वनवास खत्म करने के लिए कांग्रेस इस बार टिकट वितरण में कोई चूक नहीं करना चाहती इसलिए कांग्रेस में टिकट को लेकर पिछले कई दिनों से महामंथन चल रहा है।
सोमवार से कांग्रेस में टिकट को फाइनल करने के लिए दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक शुरू होने जा रही है। स्क्रीनिंग कमेटी में मालवा और निमाड़ की राय लेने के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और कांतिलाल भूरिया को शामिल किया गया है। 3 दिनों तक चलने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में एक बार फिर टिकटों को लेकर मंथन होगा।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी इस बार टिकट वितरण में गुजरात फॉर्मूले के आधार पर टिकट बांटने जा रही है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश के नेताओं को साफ कह दिया है कि पार्टी के सर्वे में जो जिताऊ उम्मीदवार होगा, उसको ही टिकट दिया जाएगा। इसके बाद ये तय हो गया है कि पार्टी में इस बार टिकट वितरण में दिग्गज नेताओं का कोटा सिस्टम नहीं चलेगा।
इधर कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर पिछले कुछ दिनों से दिग्गज नेताओं में मतभेद की खबरें भी आ रही थीं। खबर थी कि मालवा में कुछ सीटों को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और पार्टी के नेताओं में मतभेद हो गए हैं। इसके बाद पार्टी आलाकमान ने दखल देते हुए साफ कर दिया कि मध्यप्रदेश में भी गुजरात फॉर्मूले यानी सर्वे के आधार टिकट वितरण होगा, वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पहले ही साफ कह चुके हैं कि पार्टी के सर्वे में जो जिताऊ उम्मीदवार होगा, उसे ही टिकट मिलेगा।
वहीं पार्टी इस बार अधिकांश विधायकों को फिर से चुनावी मैदान में उतारने जा रही है। इसके साथ कुछ पूर्व सांसद जैसे सज्जनसिंह वर्मा, प्रेमचंद गुड्डू, मीनाक्षी नटराजन, विजयलक्ष्मी साधौ को भी पार्टी फिर से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला करने जा रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस इस महीने के आखिरी तक अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर सकती है।