भोपाल। मध्यप्रदेश में 11 दिसंबर को होने वाली मतगणना को लेकर कांग्रेस खास सतर्कता बरत रही है। कांग्रेस को आशंका है कि भाजपा मतगणना के दौरान वोटों की हेराफेरी कर सकती है इसके लिए कांग्रेस ने अब काउंटिंग के लिए हर चरण के लिए फुल फ्रूफ प्लान बनाया है।
11 दिसंबर को होने वाली मतगणना में कांग्रेस सिंधिया फार्मूला को अपनाने की तैयारी में है। इस फॉर्मूले के तहत पार्टी के उम्मीदवार हर राउंड की गिनती के बाद निर्वाचन अधिकारी से मतगणना का प्रमाण पत्र लेंगे। कांग्रेस सूबे की सभी 230 सीटों पर इस रणनीति को अपनाने जा रही है। प्रत्याशी प्रत्येक राउंड की गिनती के बाद कांग्रेस प्रत्याशी के सर्टिफिकेट लेने के बाद ही अगला राउंड शुरू होगा।
विधानसभा में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस फॉर्मूले का उपयोग सबसे पहले अटेर विधानसभा के उप चुनाव में किया था, जहां कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी। इसके बाद पार्टी ने मुंगावली, कोलारस और चित्रकूट में हुए उपचुनाव में भी यही प्रक्रिया अपनाई थी, वहीं कांग्रेस ने इस सफल प्रयोग को गुजरात विधानसभा चुनाव में भी आजमाया था। कांग्रेस की यह पूरी कवायद मतगणना के दौरान होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए है। इसके लिए कांग्रेस ने तैयारी भी शुरू कर दी है।
पार्टी ने 6 दिसंबर को अपने सभी 229 उम्मीदवारों को भोपाल बुलाया है। इसके साथ ही पार्टी ने उम्मीदवारों के साथ काउंटिग एजेंट के रूप में काम करने वाले अनुभवी 4-4 कार्यकर्ता को भी भोपाल बुलाया है। यहां उन्हें मतगणना को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण में उन्हें प्रशासन का पक्षपातपूर्ण रवैया, डाक मतपत्रों की गणना, हर राउंड की गिनती पर मतगणना का सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से लेने के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस को इस बात की शंका है कि भाजपा मतगणना के दौरान बड़े स्तर पर गड़बड़ी कर सकती है, वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पहले ही कार्यकर्ताओं को मतगणना के दौरान खास सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।