इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ की युगल पीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर पूछा है कि आयोग ने निर्वाचन के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में मौजूद नोटा (इनमें से कोई नहीं) के विकल्प के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए क्या कदम उठाए हैं।
प्रशासनिक न्यायमूर्ति एससी शर्मा और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने सोमवार को इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। याचिका की आगामी सुनवाई विधानसभा चुनाव के बाद 30 नवंबर को तय की गई है।
इंदौर निवासी याचिकाकर्ता यशवंत अग्निहोत्री ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दायर करते हुए सवाल उठाया कि निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन के मद्देनजर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से तो व्यापक प्रचार कर रहा है, लेकिन नोटा जैसे महत्वपूर्ण विकल्प के प्रचार-प्रसार में उदासीन नजर आता है।
याची के तर्कों के अनुसार नोटा के व्यापक प्रचार-प्रसार से बेहतर उम्मीदवार नहीं होने की स्थिति में मतदाता मतदान के दौरान नोटा विकल्प का उपयोग कर अपना मत दर्ज करा सकेगा।