यदि आप बर्फ का आनंद लेना चाहते हैं भारत के हिमालयी राज्य जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और असम एवं पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में बर्फ का असर देखने को मिलता है, लेकिन सबसे बेहतर जगह की बात करें तो आपको हिमाचल का चयन करना चाहिए। यहां वैसे तो बारिश के मौसम को छोड़कर किसी भी मौसम में जाया जा सकता है, लेकिन यदि आप जनवरी में जाना चाहते हैं तो जानिए 10 बेस्ट जगहें।
1. चंबा : उत्तराखंड के मसूरी से मात्र 13 घंटे की दूरी पर बसा है चंबा। यह टिहरी, मसूरी, उत्तरकाशी जाने वाले रास्तों के बीच में पड़ता है। पंजाब के अमृतसार शहर से ट्रेन द्वारा आप यहां जा सकते हैं। चंबा की सीढ़ीनुमा सड़कें और ऊंचे-ऊंचे वृक्षों से लदी घुमावदार घाटियां, झुरमुटों में छुपे छोटे-छोटे घर आपके मन को मोह लेंगे।
2. मनाली : शिमला से मनाली लगभग 275 किलोमीटर दूर है। चारों ओर से पहाड़ों से घिरे मनाली को देखकर रोमांच और रोमांस का अनुभव होता है। एडवेंचरस के शौकिन लोगों के लिए यह बेहतरीन स्पॉट है। यहां आने वाले पर्यटक कस्बे में स्थित गांव में ठहरते हैं। यहां आप ट्रैकिंग, स्कीइंग और राफ्टिंग का मजा ले सकते हैं। मनाली से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोठी। यहां से पहाड़ों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यहां बीस नदी का तेजी से बहता ठंडा पानी अदभुत नजारा पेश करता है।
3. डलहौजी : डलहौजी हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत हिल स्टेशन है। यहां की दूरी चंडीगढ़ से 239 किमी, कुल्लू से 214 किमी और शिमला से 332 किमी है। चंबा यहां से 192 किलोमीटर दूर है। यहां दर्जनों ऐसे स्थल है जो मन को सुकून देने वाले हैं। डलहौजी से ढाई किमी दूर खजीयार झील है, जिसका आकार बेहद आकर्षक तश्तरीनुमा है। इसे देखना बहुत ही अद्भुत है।
4. शिमला : मन को सुकून देने वाली हरियाली से घिरे शिमला को सात पहाड़ियों का शहर भी कहा जाता है। गर्मी में भी यहां का अधिकतम तापमान 25 डिग्री के आस-पास रहता है। बर्फ पर स्कीइंग करने वालों के लिए जनवरी से मार्च के मध्य का समय सबसे अच्छा है। फिशिंग व गोल्फ के साथ ही आप यहां आकर ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं। शिमला-किन्नौर क्षेत्र में नरकंडा से बंजर और सराहन से सांगला यहां के मशहूर ट्रैक रूट हैं। दोनों ही रूट लगभग सवा तीन किलोमीटर की दूरी के हैं।
5. ज्वालादेवी देवी : ज्वालामुखी- सिद्धिदा (अंबिका) इसे ज्वालाजी स्थान कहते हैं। ज्वालादेवी का मंदिर हिमाचल के कांगड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किमी की दूरी पर स्थित है। यह मां सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां माता की जीभ गिरी थी। इसकी शक्ति है सिद्धिदा (अंबिका) और भैरव को उन्मत्त कहते हैं। हजारों वर्षों से यहां स्थित देवी के मुख से 9 ज्वालाएं प्रज्वलित हो रही हैं जिससे बुझाने का प्रयास अकबर ने किया था लेकिन वह असफल रहा। ये ज्यावलाएं 9 देवियों महाकाली, महालक्ष्मी, सरस्वती, अन्नपूर्णा, चंडी, विन्ध्यवासिनी, हिंगलाज भवानी, अम्बिका और अंजना देवी की ही स्वरूप हैं।
6. धर्मशाला : कांगड़ा से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है धर्मशाला। यहां की बर्फ से ढके धौलाधार पर्वत श्रृंखला को देखना बेहद खास है। यह शहर अलग-अलग ऊंचाई के साथ ऊपरी और निचले डिवीजनों में बांटा गया है। इसके निचले हिस्से में धर्मशाला शहर और ऊपरी डिवीजन को मैकलोडगंज के नाम से जाना जाता है।
7. स्पीति घाटी : यह घाटी हर तरह से हिमालय की पहाड़ियों से घिरी हुई है। यहां बर्फ से ढके पहाड़, घुमावदार सड़कें और सुरम्य घाटियां मन को लुभाती है। यहां सिर्फ गर्मी में ही जाया जा सकता है।
8. रिवालसर झील मंडी : मंडी हिमाचल प्रदेश का ऐतिहासिक शहर है जो ब्यास नदी के किनारे बसा है। मंडी अपने 81 पुराने पत्थर के मंदिरों और बेहतरीन नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है, इसे अक्सर हिल्स का वाराणसी कहा जाता है।
9. बीर-बिलिंग घाटी : यह पैराग्लाइडिंग के लिए दुनिया के सबसे बेहतरीन स्थानों में से एक है जो हर साल वर्ल्ड पैराग्लाइडिंग चैंपियनशिप की मेजबानी भी करता है। इसमें टेक-ऑफ साइट को बिलिंग कहा जाता है और लैंडिंग साइट बीर कहते हैं। यहां पर आप ट्रेकिंग और मैडिटेशन का भी आनंद ले सकते हो।
10. पालमपुर : यहां हिमाचल की सबसे ज्यादा नदियां बहती हैं। यह स्थान देवदार के जंगलों और चाय के बागानों से घिरा हुआ है। अगर आप हिमाचल प्रदेश घूमने जा रहे है तो पालमपुर की सैर करना न भूलें क्योंकि यहां पर नदी और हरियाली का अद्भुत संगम है।