समय बड़ा बलवान होता है। समय की कीमत नहीं समझने वाले उतने ही हैं जितने समय की कीमत समझते हैं। आओ जानते हैं कि समय को क्यों महत्व देना चाहिए।
1. जीवन यदि 100 साल का है तो 25 वर्ष के पहले नौकरी और विवाह करना जरूरी है अन्यथा जीवन की हर बातें देर से होंगी और जीवन एक संघर्ष भी लगेगा। अपने सुनहरे भविष्य के लिए आज को दाव पर लगाओ और तब तक चैन से मत सोओ जब तक बुढापे में सुकून से सोने का इंतजाम ना कर लो। इसीलिए तो कहते हैं कि काल करे सो आज करे आज करे सो अब पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब।
2. पैसा तो आता-जाता रहता है परंतु समय एक बार गया तो फिर नहीं आएगा। इसीलिए लाइफ के लिए समय का प्रबंधन अर्थात मैनेजमेंट सही तरीके से करो। समय बचेगा तो पैसा भी बचेगा और बचे हुए समय में आप वह कार्य करो जो आप खुद में कमी पाते हो। अर्थात आपमें जिस चीज की कमी है उसे दूर करो।
3. आपके पास 24 घंटे हैं जिसमें से 8 से 12 घंटे आप कार्य करते हैं। 12 घंटे बचे तो 2 घंटे आपके नित्यकर्म, 8 घंटे सोने में, 1 घंटा टीवी देखने में तो बस 1 घंटा ही बचा जिसमें आप क्या कर लेंगे? परिवार के साथ रहेंगे, खुद के लिए जीएंगे या कुछ नया करेंगे भविष्य के लिए? सोचें कि आप किस तरह समय बचाने का कार्य करके इस 1 घंटे को 2 घंटे में बदल सकते हो।
4. बहुत से लोग हैं जो कभी भी उठ जाते हैं और कभी भी सो जाते हैं। कभी भी खा लेते हैं और कभी भी कहीं भी घूमने निकल जाते हैं। उनके जीवन में समय का कोई प्रबंधन नहीं होता है। वे बेतरतीब भरा जीवन जीते हैं। जिसके जीवन में समय का प्रबंधन नहीं है वह बस अच्छे भविष्य के सपने ही देखा करता है। अत: जीवन में उठने का, पूजा करने का, खाने का, कार्य करने का सोने का और लक्ष्य को भेदने का नियम जरूर बनाएं। समय को व्यर्थ ना बहाएं क्योंकि जीवन है बहुत छोटा सा और समय है बहुत ही खोटा सा।
5. कई लोग हैं जो 4 घंटे कार्य करते हैं। मतलब स्मार्ट वर्क करके लाखों रुपए कमाते हैं और अपने कई घंटे भी बचा लेते हैं। परंतु कई ऐसे लोग भी हैं जो ऐसा इसीलिए नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्होंने अपने बचपन और टीनएज में समय की बहुत बर्बादी की और जीवन संघर्ष में लग गया। जब पढ़ना था तब पढ़ें नहीं, जब नौकरी करना थी तब नौकरी नहीं कि और जब विवाह करना था तब विवाह नहीं किया तो निश्चित ही बुढ़ापा तो कठिनाइयों में ही गुजरेगा।