Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

mother's day poem : मां,तुम जो रंगोली दहलीज पर बनाती हो

स्मृति आदित्य
शनिवार, 9 मई 2020 (22:43 IST)
स्मृति आदित्य
 
मां 
तुम जो रंगोली दहलीज पर बनाती हो 
उसके रंग मेरी उपलब्धियों में चमकते हैं 
तुम जो समिधा सुबह के हवन में डालती हो 
उसकी सुगंध मेरे जीवन में महकती है 
तुम जो मंत्र पढ़ती हो वे सब के सब 
मेरे मंदिर में गुंजते हैं 
तुम जो ढेर सारी चूडियां 
अपनी गोरी कलाई में पहनती हो 
वे यहां मेरे सांवले हाथों में खनकती है ...
 
मां 
तुम्हारे भाल पर सजी गोल बिंदिया 
मेरे कपाल पर रोज दमकती है 
तुम्हारे मुख से झरी कहावतें 
अनजाने ही मेरे होंठों पर थिरक उठती है 
लेकिन मां 
मैं तुम जैसी कभी नहीं बन सकी 
तुम जैसा उजला रंग भी मैंने नहीं पाया 
 
लेकिन तुम 
मेरे विचार और संस्कार में 
खामोशी से झांकती हो 
क्योंकि तुमसे जुड़ी है मेरी पहचान 
यह मैं जानती हूं, यह तुम जानती हो.....  

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

अपने बेटे को दीजिए ऐसे समृद्धशाली नाम जिनमें समाई है लक्ष्मी जी की कृपा

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

सभी देखें

नवीनतम

सिखों के 7वें गुरु, गुरु हर राय जी की पुण्यतिथि, जानें 5 खास बातें

जर्मनी का आधा मंत्रिमंडल इस समय भारत में

एक खोया हुआ ख़ज़ाना जिसने लाओस में भारतीय संस्कृति उजागर कर दी

Diwali Recipes : दिवाली स्नैक्स (दीपावली की 3 चटपटी नमकीन रेसिपी)

फेस्टिव दीपावली साड़ी लुक : इस दिवाली कैसे पाएं एथनिक और एलिगेंट लुक

આગળનો લેખ
Show comments