Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

mother's day poem : मां, मैं खुश होती हूं

डॉ. किसलय पंचोली
मां ...मैं खुश होती हूं
जब बनाती हूं
बची हुई रोटियों से रोटी पिज़्ज़ा!
 
या जब काट लेती हूं
पुरानी कढ़ाई वाली चुन्नी से
छोटे-छोटे खूबसूरत स्कार्फ!
 
या जब नया कुछ ना खरीद कर
सज्जा बदल पुनरउपयोगी कर लेती हूं
पुरानी साड़ियां और गहने!
 
या जब जिंदगी की परेशानियों में
बिना डरे दूर रहती हूं
अंधविश्वासी टोनों-टोटकों से!
 
या जब फक्र से भर उठती हूं 
और करती हूं हस्ताक्षर
देवनागरी लिपि में!
 
या जब नहीं करती अलग से आराम
और मानती हूं वास्तव में
कार्यांतरण ही है विश्राम!
 
या जब सुनती हूं सबको
और स्वीकारती हूं ऐसा ही नहीं होता है
वैसा भी हो सकता है!
 
मां मैं मानती हूं कि मै कुछ कुछ आप जैसी हूं
पर मैं नहीं कहूंगी कि मैं हूं आपकी परछाई 
मैं जानती हूं कि आप आप हैं व मैं मैं हूं !
 
मां मैं यकीनन खुश होती हूं कि
 आपसे वंशानुगत व सीखी अच्छाइयों से 
मैं और अच्छा इंसान होना चाहती हूं!

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

एक खोया हुआ ख़ज़ाना जिसने लाओस में भारतीय संस्कृति उजागर कर दी

Diwali Recipes : दिवाली स्नैक्स (दीपावली की 3 चटपटी नमकीन रेसिपी)

फेस्टिव दीपावली साड़ी लुक : इस दिवाली कैसे पाएं एथनिक और एलिगेंट लुक

दीवाली का नाश्ता : बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए ये आसान और मजेदार स्नैक्स

Diwali 2024: दिवाली फेस्टिवल पर बनाएं ये खास 3 नमकीन, जरूर ट्राई करें रेसिपी

આગળનો લેખ
Show comments