Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

mothers day poem : तुम सर्वस्व हो, सृष्टि हो मेरी

mothers day poem : तुम सर्वस्व हो, सृष्टि हो मेरी
webdunia

शैली बक्षी खड़कोतकर

माँ, 
तुम्हारी स्मृति,
प्रसंगवश नहीं
अस्तित्व है मेरा।
धरा से आकाश तक
शून्य से विस्तार तक।
 
कर्मठता का अक्षय दीप
मंत्रोच्चार सा स्वर
अनवरत प्रार्थनारत मन
जीवन यज्ञ में 
स्वत: समिधा बन
पुण्य सब पर वार।
 
अवर्णनीय, अवर्चनीय
तुम सर्वस्व हो
सृष्टि हो मेरी !

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Buddha Jayanti 2020 : बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जयंती