इन दिनों जिस तरह की घटनाएं हो रही हैं, उसमें बड़े ही क्या बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। मासूम बच्चों के साथ भी ज्यादती, किडनैपिंग व कई अन्य तरह की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में आप यह सोचने की गलती कभी न करें कि जब बच्चे बड़े व जवान होंगे, तभी उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है। अब तो छोटे-छोटे बच्चों को भी समझाने की जरूरत है कि उनके साथ क्या-क्या हो सकता है। ऐसे में पेरेंट्स के लिए बहुत जरूरी हो जाता है कि वे अपने बच्चों को कम उम्र में ही उनकी सुरक्षा के लिहाज से कुछ बातें समझा दें।
आइए, जानते हैं इन्हीं बातों के बारे में, जिन्हें यदि आप बच्चों को सिखा दें तो वे किसी अनहोनी घटना के शिकार होने से बच जाएंगे-
1. बच्चों को अच्छे व बुरे टच की पहचान सिखाएं, इसमें झिझकने की बात नहीं है। यह उनकी सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है।
2. बच्चों से हमेशा दोस्ताना व्यवहार रखें, जिससे कि वे पूरे दिन की हर बात आपको बेझिझक बता पाएं।
3. छोटे बच्चों को अपने माता-पिता का नाम, फोन नंबर व घर का पता जितना जल्दी याद करा दें उतना ही अच्छा होगा।
4. बच्चों को सभी इमरजेंसी फोन नंबर भी याद कराएं, जैसे पुलिसवालों का व पड़ोस की आंटी का नंबर।
5. उन्हें ये समझाएं कि हर वो अंकल-आंटी जो उनके साथ खेलते हों, उन्हें चॉकलेट व तोहफे देते हों, जरूरी नहीं कि वे अच्छे भी हों।
6. बच्चों को समझाएं कि वे हर किसी की गोद में जाकर न बैठें और अपने उम्र के बच्चों के साथ ही खेलें।
7. हर वक्त तो आप उनके साथ नहीं हो सकते। ऐसे में उन्हें खुद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेना सिखाएं और बताएं कि उनकी उम्र में उनका दायरा क्या होना चाहिए? घर से कितनी दूर वे अकेले जा सकते हैं, कैसी जगहों पर जा सकते हैं और कैसी जगहों पर उन्हें नहीं जाना चाहिए।
8. बच्चों को बताएं कि उन्हें सुनसान मकान, पार्किंग लॉट, अंधेरी गलियां और रास्ते आदि जगहों पर नहीं जाना चाहिए। वैसे छोटे बच्चे आपकी बात मानते नहीं हैं, ऐसे में उन्हें इन सभी जगहों पर न जाने की वजह किसी कहानी के माध्यम से आसानी से समझा सकते हैं।
9. बच्चों को बताएं कि शरीर के किन अंगों को करीबी लोगों तक का छूना भी गलत है।
10. उन्हें बताएं कि जिसे नहीं जानते हों, उनका दिया हुआ कुछ भी खाना-पीना नहीं है, फिर चाहे वह प्रसाद ही क्यों न हो।