Manglik ladka non manglik ladki : ऐसा माना जाता है कि जिस लड़की को मंगल हो उसका विवाह भी मंगल के लड़के से ही करना चाहिए अन्यथा वैवाहिक जीवन में बाधा उत्पन्न होती है। क्या यह सही है? क्या मांगलिक लड़की का विवाह मांगलिक लड़के से ही करना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल तीन प्रकार का माना गया है- सौम्य मंगल, मध्यम मंगल और कड़क मंगल। कहते हैं कि सौम्य मंगल का कोई दोष नहीं, मध्यम मंगल 28 वर्ष की उम्र के बाद उसका दोष समाप्त हो जाता है। कड़क मंगल के दोष की शांति कराना चाहिए और इन्हीं लोगों को विवाह के संबंध में कुंडली मिलान करने की आवश्यकता बताई जाती है।
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ज्योतिष मान्यता के अनुसार यदि कोई लड़का मांगलिक है और इसकी शादी गैर मांगलिक लड़की से करनी है तो यह हो सकता है. लेकिन उसके लिए लड़की की कुंडली में राहु, केतु और शनि दूसरे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में बैठे हों।
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यदि लड़का या लड़की में से किसी एक को मध्यम मांगलिक है और दोनों की उम्र 28 वर्ष से ऊपर है तो विवाह कर सकते हैं क्योंकि 28 वर्ष के बाद मांगलिक दोष समाप्त हो जाता है। ऐसे में किसी पंडित की सलाह से विवाह पूर्व मांगलिक दोष की शांति करा लें।
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यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है और कुंडली में उसी भाव में सामने शनि, बृहस्पति, राहु या केतु बैठे हों तो तो मांगलिक दोष अपने आप समाप्त हो जाता है और गैर मांगलिक से शादी करने की बात कही जाती है।
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शास्त्रों के अनुसार जहां कोई कुंडली मांगलिक बनती है वहीं उसी श्लोक के परिहार के कई प्रमाण भी हैं कि पूर्वती कारिका से पर्वती कारिका बलवान होती है। दोष के संबंध में पर्वती कारिका ही परिहार या निवारण है। इसलिए मांगलिक दोष का निवारण मिलता है तो विवाह किया जा सकता है।
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यदि मांगलिक कुंडली में मंगल के साथ या मंगल पर शुभ ग्रहों की दृष्टि है या शुभ ग्रह केंद्र में हैं तो मांगलिक दोष नहीं लगता है। इसी के साथ ही यदि लड़का या लड़की कुंडली में जिस स्थान पर मंगल बैठा है उसी स्थान पर किसी एक की कुंडली में शनि, राहु या केतु हो तो मंगल का दोष समाप्त हो जाता है।
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मांगलिक का गैर मांगलिक से विवाह तब कर सकते हैं जबकि घट विवाह, अश्वत्थ विवाह, भात पूजा या मंगल देव का अभिषेक कर लिया गया है।
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के अमलनेर में स्थित मंगल ग्रह के प्राचीन मंदिर में प्रति मंगलवार को मंगल दोष की शांति के लिए पंचामृत अभिषेक, नित्य प्रभात श्री मंगल अभिषेक, स्वतंत्र अभिषेक, समूह अभिषेक और हवनात्मक अभिषेक किया जाता है। यदि आपका मंगल सौम्य है तो सामूहिक अभिषेक करा सकते हैं और यदि आपका मंगल मध्यम है तो आप स्वतंत्र या एकल अभिषेक करा सकते हैं, परंतु यदि आपका मंगल कड़क है तो आप हवनात्मक पूजा और अभिषेक कराएं।
कैसे पहुंचे श्री मंगल देव मंदिर अमलनेर महाराष्ट्र | how to reach shri mangal dev graha mandir amalner maharashtra:
- जलगांव से अमलनेर की दूरी | jalgaon to amalner distance: यहां पहुंचने के लिए आप महाराष्ट्र के जलगांव पहुंचे। अमलनेर जलगांव जिले में ही स्थित एक गांव है। अमलनेर जलगांव से 58.1 किमी दूर है।
- धुले से अमलनेर की दूरी | dhule to amalner distance: आप यहां जाना चाहते हैं तो धुले नामक शहर पहुंचकर भी यहां से सड़क मार्ग से जा सकते हैं। धुले अमलनेर 36.4 किलोमीटर की दूरी पर है।
- अमलनेर से मंगलदेव मंदिर की दूरी | amalner to mangal dev mandir distance: अमलनेर गांव से श्री मंगल ग्रह के लिए मंदिर रास्ता करीब 2.5 किलोमीटर दूर का है। मंदिर तक के लिए कई वाहन उपलब्ध हैं।
पूरा पता है- मंगल ग्रह मंदिर, चौपड़ा रोड़, धनगर गली, अमलनेर, जिला जलगांव, महाराष्ट्र-425401 | Mangal Grah Mandir, Chopra Rd, Dhangar Galli, Amalner, Maharashtra 425401