Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

मकर संक्रांति के दिन क्‍यों करते हैं तिल और गुड़ का सेवन, जानिए

मकर संक्रांति के दिन क्‍यों करते हैं तिल और गुड़ का सेवन, जानिए
मकर संक्रांति के दिन क्‍यों खातें हैं तिल और गुड़
 
मकर संक्रांति : भारत में हर त्योहार पर विशेष पकवान बनाने व खाने की परंपराएं भी प्रचलित हैं। इसी श्रृंखला में मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष रूप से तिल व गुड़ के पकवान बनाने व खाने की परंपरा है। 
 
कहीं पर तिल व गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं तो कहीं चक्की बनाकर तिल व गुड़ का सेवन किया जाता है। तिल व गुड़ की गजक भी लोग खूब पसंद करते हैं लेकिन मकर संक्रांति के पर्व पर तिल व गुड़ का ही सेवन क्‍यों किया करते है इसके पीछे भी वैज्ञानिक आधार है।
 
सर्दी के मौसम में जब शरीर को गर्मी की आवश्यकता होती है तब तिल व गुड़ के व्यंजन यह काम बखूबी करते हैं, क्‍योंकि तिल में तेल की प्रचुरता रहती है जिसका सेवन करने से हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में तेल पहुंचता है और जो हमारे शरीर को गर्माहट देता है। इसी प्रकार गुड़ की तासीर भी गर्म होती है। तिल व गुड़ को मिलाकर जो व्यंजन बनाए जाते हैं वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में आवश्यक गर्मी पहुंचाते हैं। यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल व गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं।
 
हमारे देश में मकर संक्रांति के पर्व को कई नामों से जाना जाता है। पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर में इसे लोहड़ी के नाम से बहुत ही बड़े पैमाने पर जाना जाता है।

लोहड़ी का त्‍योहार मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व मनाया जाता है। जब सूरज ढल जाता है तब घरों के बाहर बड़े-बड़े अलाव जलाए जाते हैं और स्‍त्री तथा पुरुष सज-धजकर नए-नए वस्‍त्र पहनकर एकत्रित होकर उस जलते हुए अलाव के चारों और भांगड़ा नृत्‍य करते हैं और अग्नि को मेवा, तिल, गजक, चिवड़ा आदि की आहुति भी देते हैं। प्रसाद में मुख्‍य पांच वस्‍तुएं होती है जिसमें तिल, गुड़, मूंगफली, मक्‍का और गजक। 
 
देर रात तक सभी लोग नगाड़ों की ध्‍वनि के बीच एक लड़ी के रूप में यह नृत्‍य करते हैं। उसके बाद सभी एक-दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हुए आपस में भेंट बांटते हैं और प्रसाद वितरण भी करते हैं।


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

मकर संक्रांति क्‍यों मनाते हैं, आप नहीं जानते होंगे इसके ये पौराणिक रहस्य